दुर्ग, ShorGul.news । छग. प्रदेश शा.अर्ध. शा. वाहन चालक यांत्रिकी कर्म संघ द्वारा अपने उचित मांगो के निराकरण करने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। संघ के उपाध्यक्ष पूनम साहू व अन्य वाहन चालकों ने अपनी मांगों को लेकर समय-समय पर शासन, प्रशासन के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया है लेकिन आज पर्यन्त तक उचित मांगों का कोई भी निराकरण नहीं किया गया और न ही कोई जानकारी इस विषय में हमारे संघ को प्रदान कि गई है।
नेताओं ने ज्ञापन में कहा कि मुख्यमंत्री जी वाहन चालक भी शासन, प्रशासन का एक महत्वपूर्ण अंग होते हुए भी दुव्र्यवहार किया जा रहा है। हमारे वाहन चालक संघ द्वारा विगत कई वर्षों से हमारे मांगों शासन, प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है। ताकि वाहन चालक का भी जीवन स्तर सुधार हो सके। परन्तु किसी शासन ने भी अपना ध्यान हमारे ओर देना उचित नही समक्षा ।
महोदय जी आपसे बड़ी अपेक्षा है कि उदारता पूर्वक विचार का हमारी मांगों को जल्द से जल्द निराकरण कर हमें गौरन्वित करेंगे। हमारा वाहन चालक संघ परिवार सदैव आपका आभारी रहेगा।
प्रमुख मांगे बिंदुवार प्रस्तुत है-
1. शासकीय वाहन चालकों को उनके एकांगी पदानुसार तकनीशियन घोषित कर प्रथम ग्रेड पे 2800/- और आगे ग्रेड पे तकनीशियन के आधार पे किया जावे।
2. शासन द्वारा व्यापम एवं सीधी भर्ती के माध्यम से वाहन चालक का भर्ती ले रही है। जिससे डेली विजस में कार्यरत वाहन चालकों के साथ उनके परिवार का भविष्य अंधकार मय हो जायेगा जिसका संघ घोर विरोध करता है। संविदा, कलेक्टर दर, आकस्मिक निधि दैनिक वेतन भोगी वाहन चालक को नि:शर्त संविलियन करते हुवे नियमित स्थापना में लिया जाए।
3. शासकीय वाहन चालकों के योग्यतानुसार अन्य कर्मचारियों के समान पदोन्नति, पद परिवर्तन, आयोजन (अलिपिकीय से लिपिकीय) किया जाये, ताकि योग्यताधारी वाहन चालक अपनी योग्यता के आधार पर आगे बढ़ सकें, जिससे शासन को किसी तरह का वित्तीय भार नहीं पड़ेगा।
4. शासकीय वाहन मय चालकों के दुरूपयोग पर अंकुश लगाया जावें, शासन के अन्य कर्मचारियों की तरह चालकों की भी समय सारणी निर्धारित हो एवं समस्त शासकीय कर्मचारियों की तरह शासन द्वारा घोषित छुट्टीयों का लाभ दिया जावें, ताकि वाहन चालक भी अपने परिवार और सामाजिक दायित्वों को निभा सकें।
5. वाहन चालकों का कार्य भारित प्रथा को समाप्त कर स्थापना में लिया जाए।
6. समस्त विभागों के शासकीय वाहनों का बीमा करवाया जाये और वर्तमान में मोबाईल भत्ता 200/ रू. के स्थान 1000/ रू. प्रदाय किया जाये ।
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