नई दिल्ली । महाराष्ट्र में शिवसेना विधायकों की बगावत से महा विकास अघाड़ी (एनवीए) की सरकार संकट में आ गई है। शिवसेना के बागी विधायकों ने अयोग्यता की कार्यवाही के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस दायर कर दिया है। मामला सुप्रीम कोर्ट में है, वहीं दूसरी तरफ शिवसेना ने अपने बागी विधायकों को लेकर आक्रामक रुख अपना लिया है। मुश्किल हालात से गुजर रहे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को अब चिराग पासवान का साथ मिला है। चिराग पासवान ने उद्धव ठाकरे का समर्थन किया है।
महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट के बीच चिराग पासवान का बयान सामने आया है। चिराग पासवान ने कहा है कि कुछ इसी तरह की घटना पिछले साल मेरे साथ भी हुई थी। मेरी पीठ में भी अपनी पार्टी के नेताओं ने ही छुरा घोंप दिया था। अपनी ही पार्टी के नेताओं ने मुझे धोखा दिया था। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे की पीठ में भी उनकी ही पार्टी के नेताओं ने छुरा घोंप दिया है।
चिराग पासवान ने केंद्र सरकार की अग्निपथ स्कीम को लेकर जारी जुबानी जंग को लेकर कहा कि बिहार एनडीए की कलह सामने आ गई है। उन्होंने कहा कि इनका उद्देश्य जनता की सेवा करना नहीं है। वे बस किसी तरह सत्ता में बने रहना चाहते हैं। चिराग ने कहा विचारधारा के लिहाज से देखें तो जनता दल यूनाइटेड और भाजपा दो बहुत अलग दल हैं।
गौरतलब है कि चिराग पासवान को पिछले साल जून महीने में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। लोजपा से चिराग पासवान का पत्ता साफ कर उनके ही चाचा पशुपति पारस ने पार्टी का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया था। अपने ही पिता की बनाई पार्टी से बेआबरू होकर बाहर किए जाने के बाद चिराग पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) नाम से नई पार्टी बनाई।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में भी शिवसेना के 40 विधायकों ने बगावत कर दी है। बागी विधायक मुंबई से पहले गुजरात के सूरत गए और वहां से चार्टर्ड प्लेन से गुवाहाटी पहुंचे। गुवाहाटी के होटल में विधायकों के 12 जुलाई तक रुकने के अनुमान जताया जा रहा है। सत्ता को लेकर छिड़ी जंग अब पार्टी पर कंट्रोल तक आती दिख रही है।
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