संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू धर्म में वापसी का किया आहवान

by sadmin

चित्रकूट । राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने बुधवार को यहां हिंदू धर्म छोड़ने वालों की घर वापसी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भय ज्यादा दिन तक बांध नहीं सकता है। अहंकार से एकता टूटती है। हम लोगों को जोड़ने के लिए काम करेंगे।
चित्रकूट में चल रहे तीन दिवसीय हिंदू एकता महाकुंभ में पहुंचे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू एकता महाकुंभ में आए लोगों के साथ संकल्प लेते हुए कहा कि, मैं हिंदू संस्कृति के धर्मयोद्धा मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की संकल्प स्थली पर सर्वशक्तिमान परमेश्वर को साक्षी मानकर संकल्प लेता हूं कि मैं अपने पवित्र हिंदू धर्म, हिन्दू संस्कृति और हिन्दू समाज के संरक्षण संवर्धन और सुरक्षा के लिए आजीवन कार्य करूंगा।

मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि किसी भी हिंदू भाई को हिंदू धर्म से विमुख नहीं होने दूंगा। जो भाई धर्म छोड़ कर चले गए हैं, उनकी भी घर वापसी के लिए कार्य करूंगा। उन्हें परिवार का हिस्सा बनाऊंगा। मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि हिंदू बहनों की अस्मिता, सम्मान और शील की रक्षा के लिए सर्वस्व अर्पण करूंगा। जाति, वर्ग, भाषा, पंथ के भेद से ऊपर उठ कर हिंदू समाज को समरस सशक्त अभेद्य बनाने के लिए पूरी शक्ति से कार्य करूंगा।
इससे पूर्व महाकुंभ के दूसरे दिन संघ प्रमुख मोहन भागवत और तुलसीपीठाधीश्वर श्री रामभद्राचार्य को 75 किलो की माला पहनाकर स्वागत किया गया। मोहन भागवत और रामभद्राचार्य ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। करीब 20 मिनट तक मोहन भागवत ने हिंदू एकता महाकुंभ में आए लोगों को संबोधित किया। कार्यक्रम को श्री श्री रविशंकर ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जुटते हैं तो भय पैदा होता है। जबकि जहां संत और हिन्दू इक्ट्ठा होते हैं, वहां अभय मिलता है। उन्होंने कहा कि देश भक्ति और ईश्वर भक्ति एक ही है।

जो देशभक्त नहीं है वो ईश्वर भक्त भी नहीं हो सकता। श्री श्री रविशंकर ने हिंदू महाकुंभ के 12 मुद्दों का समर्थन किया। जिसमें राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक श्रीराम मंदिर, देव स्थानों की परंपरा नष्ट कर रहा सरकारी नियंत्रण, धर्मांतरण की अंतर्राष्ट्रीय साजिश, देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूरी, सामान नागरिकता का मिले अधिकार, लव जेहाद से युवा पीढ़ी में भटकाव, भारतीय दर्शन आधारित शिक्षा जरूरी, धर्म में व्यसन का त्याग हो अनिवार्य, गौ रक्षा के ठोस प्रयास, मातृ शक्ति को सशक्त बनाना जरूरी, हिंदू धर्म के बारे में दुष्प्रचार बंद हो और पर्यावरण प्रदूषण पर रोक लगे।

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