नई दिल्ली। नए आइडिया पर काम करने वाले जोशीले उद्यमियों और स्टार्टअप्स के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने आईटी सेक्टर की 300 स्टार्टअप को सपोर्ट देने के लिए एक कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसका नाम समृद्ध रखा गया है, जिसके तहत सरकार अगले तीन साल में 100 यूनिकॉर्न तैयार करेगी। जिन स्टार्ट अप का बाजार मूल्य (मार्केट वैल्यूएशन) एक अरब डॉलर होता है, यूनिकॉर्न कहलाती हैं।
40 लाख रुपये तक की शुरुआती पूंजी और छह महीने तक मेंटॉरशिप
सरकार समृद्ध कार्यक्रम के तहत चुनी गई स्टार्ट-अप को अपने साथ साझीदारी करने का न्योता देगी। उनको 40 लाख रुपये तक की शुरुआती पूंजी और छह महीने तक मेंटॉरशिप उपलब्ध कराएगी। वह स्टार्टअप्स को सीड कैपिटल यानी शुरुआती पूंजी, मेंटॉरशिप यानी मार्गदर्शन देने के साथ ही बाजार तक पहुंच हासिल करने में मदद भी करेगी। इस कार्यक्रम को देश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने वाला प्रोग्राम ‘मैती स्टार्टअप हब’ लागू कर रहा है।
आइडिया के प्रॉडक्ट का रूप लेने की प्रक्रिया में अहम होती है मेंटॉरिंग
आईटी एवं दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने समृद्ध कार्यक्रम की लॉन्चिंग के मौके पर कहा कि उन्होंने पूर्व में 20 से ज्यादा स्टार्ट-अप को मेंटॉरशिप दी थी। जिस समय कोई आइडिया प्रॉडक्ट में बदलने की प्रक्रिया में होती है, उस समय मेंटॉरिंग की क्या अहमियत होती है, वह इस बात को अच्छी तरह समझते हैं।
इनक्यूबेटर और स्टार्टअप का नेटवर्क 20 गुना से ज्यादा बड़ा करना है
उन्होंने कहा कि जब आइडिया प्रॉडक्ट का रूप ले रहा होता है और प्रॉडक्ट का विस्तार हो रहा होता है, तब वह उनके लिए सबसे नाजुक दौर होता है। यह बात हम सभी जानते हैं कि आधे से ज्यादा स्टार्टअप कई वजहों से यह दौर पार नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि सरकार इनक्यूबेटर और स्टार्टअप का नेटवर्क 10, 20 और इससे ज्यादा गुना बड़ा करना चाहती है।
प्रॉडक्ट डेवलपमेंट के दौर में सपोर्ट से स्टार्टअप में होगा जबरदस्त वैल्यू एडिशन
वैष्णव ने कहा कि ज्यादातर स्टार्ट-अप को फंड की कमी कोई बड़ा मुद्दा नहीं। उन्होंने कहा कि ज्यादा बड़ी चुनौतियां तो आइडिया को प्रॉडक्ट का रूप देने या उसके लिए जरूरी स्किल के सेट जुटाने में कमी की हैं। अगर सरकार उस दौर में स्टार्टअप की मदद कर सकी तो उनमें जबरदस्त वैल्यू एडिशन होगा।
सिलिकन वैली के एक्सेलेटर वाईकॉम्बिनेटर की तर्ज पर विकसित की गई समृद्ध
इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय में विशेष सचिव ज्योति अरोड़ा ने कहा कि समृद्ध स्टार्टअप एक्सेलरेटर ऑफ मैती फॉर प्रॉडक्ट इनोवेशन, डेवलपमेंट एंड ग्रोथ के कॉन्सेप्ट को सिलिकन वैली के एक्सेलेटर वाईकॉम्बिनेटर की तर्ज पर विकसित किया गया है। योजना का ऐलान इसी साल किया गया था, लेकिन तब इसे मंजूरी देने की प्रक्रिया चल रही थी।
तीन साल से इन्क्यूबेशन बिजनेस कर रहे संगठन एक्सेलरेटर के तौर पर जुड़ सकेंगे
इस योजना में एक्सेलरेटर के तौर पर जुड़ने का मौका उन संगठनों को मिलेगा जो कम से कम तीन साल के लिए इन्क्यूबेशन बिजनेस में होंगे। इसके अलावा उन्होंने 50 से ज्यादा स्टार्टअप और कम से कम 10 नॉन पब्लिक बिजनेस को सपोर्ट किया होगा। इसके अलावा उनका कामकाज भारत में होना जरूरी है, उनके पास जरूरी जगह और इंफ्रास्ट्रक्चर भी होना चाहिए।
7 अगस्त को मैती स्टार्टअप हब ने इंडिया एक्सेलरेटर के साथ मिलाया था हाथ
यह पहली बार नहीं है जब सरकार स्टार्टअप एक्सेलरेटर के साथ पार्टनरशिप कर रही है। 7 अगस्त को मैती स्टार्टअप हब ने SOMA प्रोग्राम के तहत इंडिया एक्सेलरेटर के साथ हाथ मिलाया था। SOMA प्रोग्राम का मकसद देश में डीप टेक स्टार्टअप को बढ़ावा देना है। मैती स्टार्टअप हब मैती का देश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने वाला एक और प्रोग्राम है।