मामला केरल के पलक्कड़ के अयालुर गांव का है। यहां रहने वाली एक लड़की 11 साल पहले लापता हो गई थी। परिवार वालों ने खूब ढूंढा लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला तो परिवार ने उसके मिलने की उम्मीद छोड़ दी। अब इतने सालों बाद वह लड़की मिल गई है। लेकिन पूरी कहानी बड़ी फिल्मी है। दरअसल, लड़की जहां मिली है वो जगह उसके माता-पिता के घर से सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। यहां वो अपने प्रेमी के साथ एक दशक से रह रही थी। गजब तो यह है कि लड़की के पेरेंट्स को इसकी बात की भनक भी नहीं थी।
साल 2010 में हुई थी लापता
महिला का नाम सजिता है। वो फरवरी, 2010 की एक रात अपने घर से निकली और बगल में स्थित अलीनचुवत्तिल रहमान (प्रेमी) के घर में जाकर रहने लगी थी। उस वक्त लड़की की उम्र 18 साल थी। पुलिस ने हर जगह लड़की की तलाश की। लेकिन वह नहीं मिली। सजिता के पास मोबाइल फोन भी नहीं था। उन्होंने अपने रिश्ते को इसलिए छिपाकर रखा क्योंकि वे अलग-अलग धर्मों से ताल्लुक रखते थे।
युवक पर नहीं हुआ पुलिस को शक
नेनमारा पुलिस स्टेशन हाउस ऑफिसर दीपा कुमार ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा, ‘उन्हें 24 साल के रहमान पर कभी शक नहीं हुआ। ‘किसी को भी उनके अफेयर की जानकारी नहीं थी। अमुमन भागने के किसी भी केस में, दोनों व्यक्ति लापता हो जाते हैं लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ, इसलिए हमारा शक कभी रहमान पर गया ही नहीं।’
कमरे में नहीं जाने देता था किसी को
रहमान का भाई बशीर एक ट्रक ड्राइवर है। उसने बताया कि रहमान एक हाउस पेंटर का काम करता है। उसके पास एक अलग कमरा था, जिसमें वो किसी को घुसने नहीं देता था। कभी-कभी वो ‘मानसिक रोगी’ की तरह बर्ताव करता था, अगर कोई उसके कमरे में जाने की कोशिश करता तो वह हिंसक हो जाता। यहां तक वो दिन के समय भी अपना खाना कमरे में ले जाता था। जब सभी काम पर होते थे तब रहमान और सजिता अकेले घर पर होते थे।’ क्योंकि रहमान बड़े गुस्सैल स्वभाव का था इसलिए उसके दिहाड़ी मजदूर माता-पिता भी उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
कमरे में ही सुखाती थी कपड़े
यहां तक सजिता अपने धुले हुए कपड़े भी कमरे के अंदर ही सुखाती थी। हालांकि, जब परिवार ने रहमान की शादी के लिए लड़की की तलाश शुरू की, तो भी उसने कोई आपत्ति नहीं जताई लेकिन वह इस मुद्दे को टालता रहा।
खिड़की की सलाखें हटा रखी थीं
अयालुर पंचायत सदस्य पुष्पकरण ने कहा कि वह हमेशा से चुपचाप और लोगों से दूर रहा है और उन्हें संदेह है कि उसे मानसिक समस्याएं हैं। उसने अपने कमरे की खिड़की से कुछ सलाखों को हटा दिया था और उसके कमरे में अटैच बाथरूम भी नहीं था जिससे ये समझ आता है कि सजिता रात में खिड़की से बाहर निकल जाती थी, सजिता ईयरफोन का इस्तेमाल करते हुए एक छोटा से टीवी देखा करती थी। कुमार ने कहा, ‘गांव के लोग उसे भूल चुके थे, सभी को लगा कि वह किसी के साथ तमिलनाडु भाग गई होगी।’
एक गांव में रहने लगे किराए पर
यह साफ नहीं है कि आखिर तीन महीने पहले सजिता ने घर क्यों छोड़ा। उसी दिन, 34 वर्षीय रहमान ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ झगड़ा किया और बाहर निकल गया। परिवार ने उसके लापता होने की शिकायत भी दर्ज करवाई। लेकिन मंगलवार को जब उसके भाई बशीर ने उसे संयोग से देखा, जिसके बाद पता चला कि रहमान और सजिता दूसरे गांव में किराए पर रह रहे थे।
कोर्ट ने दी साथ रहने की इजाजत
पुलिस ने कपल को एक लोकल कोर्ट में पेश किया। रहमान ने अदालत को बताया कि वह सजिता पर अपने परिवार के विरोध से डरता है, हालांकि रहमान ने इस बारे में नहीं बताया कि दोनों ने 11 साल तक एक कमरे में बंद रहने का फैसला क्यों किया। जब सजिता ने कहा कि वो रहमान के साथ रहना चाहती, तो कोर्ट ने उन्हें साथ रहने की इजाजत दे दी।