रसीदें काटकर चंदा वसूलने पर कांग्रेस विधायक भूरिया का विवादित बयान-

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रसीदें काटकर चंदा वसूलने पर कांग्रेस विधायक भूरिया का विवादित बयान- BJP के छुटभैया नेता राम मंदिर के चंदे से पी रहे हैं दारू

कांतिलाल भूरिया मंगलवार सुबह कांग्रेस के प्रदर्शन में शामिल होने इंदौर आए तो बोले- खाने-पीने की बात तो लोग बोल रहे।
मंगलवार को इंदौर में कहा- भगवान राम हम सबके, आस्था अनुसार चंदा दें
बाद में कहा – मैं नहीं, लोग ऐसा कह रहे कि ये लोग रुपए से खा-पी रहे हैं
भाजपा के बचाव में उतरे प्रोटेम स्पीकर, कहा- सीधे ट्रस्ट के खाते में जा रहा है पैसा

झाबुआ के विधायक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया ने राम मंदिर को लेकर रसीदों के जरिए वसूले जा रहे चंदे पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा के छुटभैया नेता राम के नाम पर जबरन चंदा वसूली कर रहे हैं। सुबह से भाजपा की टोलियां चंदा वसूली के लिए निकल जाती हैं और शाम को उसी से नदी किनारे जाकर दारू पी जाते हैं। हालांकि बयान पर बवाल होने के बाद बुजुर्गों के सम्मान में कांग्रेस की रैली में शामिल होने आए भूरिया ने सफाई दी कि भगवान राम सबके हैं। सभी को आस्था अनुसार चंदा देना चाहिए, लेकिन मेरा सवाल यह है कि पिछली बार जो चंदा एकत्रित हुआ था, उसका हिसाब दें। शाम को पार्टी करने वाली बात तो लोग कह रहे हैं। जो मुझे पता चला वही कहा।

इधर, भूरिया का बयान सामने आने के बाद भाजपा विधायक और प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि सारा डोनेशन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर हो रहा है।

पेटलावद में कांग्रेस के प्रदर्शन में यह कहा था

वे कहते थे हम कसम खाते हैं, मंदिर वहीं बनाएंगे, पर तारीख नहीं बताएंगे। हजारों करोड़ रुपए उस समय एकत्रित हुआ था। उसका हिसाब नहीं दे रहे हैं। वे रुपए मंदिर के ट्रस्ट में सीधे जमा करें। वो पैसा कहां गया, भाजपा दबा कर बैठी हैं। अब भाजपा के छुटभैय्या नेता फिर घर-घर जाकर पैसा एकत्रित कर रहे हैं। कह रहे हैं, मंदिर बनाना है, मंदिर बनाना है। सुबह रुपए एकत्रित कर रहे हैं। शाम को नदी में जाकर दारू पी रहे हैं और भगवान का मंदिर बनाने की बात कह रहे हैं।

इंदाैर में दी सफाई…

राम मंदिर को लेकर कहा कि हम राम के भक्त हैं। राम मंदिर बनना चाहिए। भाजपा लाेगों के साथ भेदभाव कर रही है। पहले कहते थे कि हम मंदिर बनाएंगे। पिछले सालों में मंदिर निर्माण के महिलाओं ने हाथ की चूड़ियां और मंगलसूत्र तक उतारकर दे दिए थे। हजारों करोड़ रुपए चंदा एकत्रित हुआ था। मैंने बस यही पूछा था कि वीएचपी और भाजपा यह बताए कि उस समय जो पैसे एकत्रित हुए थे, वह कहां है और उस समय कितना रुपया एकत्रित हुआ था। यह देश की जनता को जानने का हक है। वह रुपया मंदिर में लगेगा या और किसी और काम में लगेगा। उस रुपए का कोई हिसाब नहीं है। अभी भी हजारों टोलियां बना दी हैं। गांव-गांव, शहर में घूम-घूमकर रुपए एकत्रित कर रहे हैं। जिसकी भी श्रद्धा हो, रुपया देना चाहिए। पर हम यह जानना चाहते हैं कि पिछले समय का हजारों करोड़ों रुपए एकत्रित हुए थे। वो कहां हैं, हमें उसका हिसाब चाहिए। एक टोली पहले जा रही है, रुपए लेकर आ रही है। कुछ देर बाद दूसरी टोली जा रही है, रुपए मांग रही है। लोग कह रहे हैं ये कर क्या रहे हैं। आम जनता कह रही है कि ये लोग पैसा खा पी रहे हैं।

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