नई दिल्ली । केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम द्वारा आयोजित ‘ दावोस एजेंडा-2021’ के ‘ खाद्य प्रणालियों के रूपांतरण हेतु नवाचार’ विषय पर आयोजित सत्र में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि देश में हर व्यक्ति को पोषण युक्त आहार सुलभ हो इसके लिए भारत सरकार सतत रूप से प्रयत्नशील है। भारत एक कृषि प्रधान देश है और हमारी अर्थ व्यवस्था कृषि पर आधारित है। स्वाभाविक रूप से कृषि को बढ़ावा देना, भूमि का संरक्षण एवं पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कृषि को सक्षम बनाने के सतत प्रयास किए जा रहे हैं। जहां तक फूड सिस्टम का सवाल हैं, उस दिशा में सतत विकास के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार सभी प्रकार की व्यवस्थाएं कर कर रही है। तोमर ने बताया कि देश में हर व्यक्ति को उचित एवं पोषण युक्त आहार मिले इसके लिए सरकार खाद्य सुरक्षा अधिनियम लेकर आई। देश में लगभग 81 करोड़ गरीब लोगों को खाद्यान्न की सुरक्षा मिले यह प्रयास किया जाता है। जहां तक ग्रामीण क्षेत्र, कमजोर वर्ग के लोगों को पोषण की आवश्यकता है उसके लिए देश में पोषण अभियान भी चलाया जा रहा है।
भारत में आंगनवाड़ी एक सशक्त कार्यक्रम के रूप में उभरा है, जिसका बेहतर लाभ पोषण के क्षेत्र में मिला है। केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि पोषण युक्त फसलों का ज्यादा उत्पादन हो इसके लिए कृषि अनुसंधान परिषद लगातार कार्य कर रही है और नई किस्मे इजाद करके इस दिशा में काफी सफलता प्राप्त की गई है। तोमर ने कहा कि भूमि सुरिक्षत रहे इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइल हेल्थ कार्ड की परियोजना पर बल दिया है। देश में दो चरणों में 12-12 करोड़ किसानों को साइल हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराए गए हैं। साइल हेल्थ सिस्टम को स्वीकार करके किसान इसकी अनुशंसा के अनुसार पानी, उर्वरक और कीटनाशकों का प्रयोग करने की दिशा में तेजी से अग्रसर हुए हैं।
इससे उत्पादकता बढ़ने के साथ ही मानव को पर्यावरणीय नुकसान भी कम हुआ है। जलवायु परिवर्तन की परिस्थिति के कारण भी भारत चिंतित है। इस दिशा में हमारा प्रयत्न है कि भविष्य के जो संकेतक दिख रहे हैं उनको ध्यान में रखते हुए हम पूर्व से योजना बनाएं एवं उन पर काम करें ताकि व आने वाले समय में इस संकट से निपटने में हम सक्षम हो सकें। तोमर ने कहा कि कृषि में उत्पादन व उत्पादकता के लिए हम शोध एवं विकास पर बल दे रहे है। फसल कटाई के बाद उसका सही प्रबंधन हो इस पर कार्य किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खाद्यान्न की दृष्टि से भारत अधिशेष राष्ट्र है, हम बागवानी में भी भरपूर उत्पादन कर रहे हैं, लेकिन हमारे यहां कठिनाई यह है कि पर्याप्त अवसंरचना नहीं होने से फसल का नुकसान होता हैं और इसका असर पर्यावरण पर भी पडता है। इससे निपटने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के पैकेज में अवसंरचना के लिए एक लाख करोड़ रुपए के कोष का प्रावधान किया है। इस धनराशि से गांवों में ही फार्मगेट पर वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज और प्रोसेसिंग यूनिट्स बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
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