सिडनी | हाल में ही टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलिया दौरा खत्म हुआ है। चार टेस्ट मैचों की बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के तीसरे टेस्ट के दौरान काफी विवाद हो गया था। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए इस ड्रॉ टेस्ट मैच के दौरान टीम इंडिया के खिलाड़ियों पर नस्ली टिप्पणी की गई थी, जिसके बाद कुछ देर के लिए मैच रोकना भी पड़ा था। इसको लेकर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) से कहा है कि वह उन दर्शकों को पहचान पाने में असमर्थ रहा है, जिन्होंने सिडनी टेस्ट के दौरान भारतीय खिलाड़ियों पर नस्लवादी टिप्पणियां की थी और जिन छह को मैदान से बाहर किया गया, वे असली दोषी नहीं हैं।
‘द एज’ की रिपोर्ट के अनुसार सीए के छह जांचकर्ताओं ने सिडनी टेस्ट के दौरान मोहम्मद सिराज पर नस्लीय टिप्पणी करने के आरोप में मैदान से निकाले गए छह दर्शकों को क्लीन चिट दी है। सीए ने आईसीसी को जांच की रिपोर्ट भेज दी है। आईसीसी ने उसे रिपोर्ट देने के लिए 14 दिन का समय दिया था। अखबार ने कहा, ‘सीए को न्यू साउथवेल्स पुलिस से अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है। उसे पूरा यकीन है कि सिडनी टेस्ट के चौथे दिन मैदान से निकाले गए छह दर्शकों ने खिलाड़ियों पर नस्लीय टिप्पणी नहीं की थी।’
इसमें कहा गया, ‘रिपोर्ट में कहा है कि उनका मानना है कि खिलाड़ियों पर नस्लीय टिप्पणियां की गईं, लेकिन सीए के जांचकर्ता दोषियों का पता नहीं लगा सके।’ तीसरे टेस्ट के चौथे दिन सिराज ने दर्शकों की ओर से नस्लीय टिप्पणियों की शिकायत की थी, जिसके बाद खेल कुछ समय के लिए रोकना पड़ा। पुलिस ने छह दर्शकों को मैदान से बाहर कर दिया था। बीसीसीआई ने इस घटना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। अखबार ने कहा कि सीए ने कई भारतीय खिलाड़ियों से पूछताछ की और दर्शकों की भी गवाही ली। इसमें कहा गया, ‘अब सूत्रों का कहना है कि भारतीयों ने मैदान पर धमकी दी थी कि शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने तक वे खेल बहाल नहीं करेंगे।’
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