नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया भर में किफायती, टिकाऊ और उपयोगी वस्तुओं की खोज की जा रही है और घरेलू और वैश्विक, दोनों स्तर पर अवसरों का लाभ उठाने के लिए विशाल बाजार प्रतीक्षा कर रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत उन उत्पाद को बनाना चाहता है, जिनकी गुणवत्ता अच्छी हो और जिनकी विश्व स्तर पर तारीफ हो। मोदी ने एक पोस्ट में सरकार की आत्मनिर्भर भारत योजना के बारे में अपने विचार साझा कर कहा कि इसमें गुणवत्ता पर उतना ही जोर है, जितना उत्पादन के पैमाने पर है। उन्होंने कहा, आज, दुनिया हमारा बाजार है। भारत के लोगों में क्षमता है। एक राष्ट्र के रूप में दुनिया भारत को भरोसेमंद देश मानती है।’’
उन्होंने कहा कि अपने लोगों की योग्यता और भरोसे के साथ भारत के उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद दुनिया भर में पैठ बनाएंगे। उन्होंने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सच्चा कदम होगा और वैश्विक समृद्धि को बढ़ाएगा। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय माप-पद्धति सम्मेलन में अपने संबोधन की मुख्य बातों को भी साझा किया, जहां उन्होंने भारतीय उत्पादों के लिए मात्रा के साथ ही गुणवत्ता पर भी जोर दिया था। मोदी ने कहा, भारत कौशल और प्रतिभा का एक ऊर्जा केंद्र है। हमारे स्टार्ट-अप उद्योग की सफलता हमारे युवाओं के उत्साह को दिखाती है। नए उत्पादों और सेवाओं का तेजी से विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत उत्पादन की मात्रा और गुणवत्ता मानकों के दोहरे सिद्धांत पर टिका हुआ है, और भारत अधिक उत्पादन करना चाहता है, लेकिन इसके साथ ही वह ऐसे उत्पाद बनाना चाहता है, जिनकी गुणवत्ता अच्छी हो।
प्रधानमंत्री ने कहा, भारत सिर्फ अपने उत्पादों से वैश्विक बाजारों को भरना नहीं चाहता। हम चाहते हैं कि भारतीय उत्पाद दुनिया भर में लोगों का दिल जीतें। उन्होंने विनिर्माताओं और उद्यमियों से कहा, जब हम भारत में बनाते हैं (मेक इन इंडिया), तब हमारा उद्देश्य न केवल वैश्विक मांग को पूरा करना है, बल्कि वैश्विक स्वीकार्यता हासिल करना भी है। मैं आप सभी से आग्रह करूंगा कि आप किसी भी उत्पाद या सेवा में ‘जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट’ के बारे में सोचें।’’
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