रायपुर, ShorGul.news । भारतीय जनता पार्टी अविभाजित मध्यप्रदेश के अध्यक्ष तीन बार लोकसभा व दो बार विधानसभा एं राज्य सभा के सदस्य रहे साय ने अंतत: भाजपा का साथ छोड़कर पार्टी के लम्बे रिश्ते को तोड़ते हुए राजीव भवन में आज प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ कांग्रेस की सदस्यता विधिवत ग्रहण की। उक्त अवसर पर कांगेस के केबिनेट मंत्रीगण एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने साय का जोरदार स्वागत करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने साय को कांग्रेस सदस्य बनने की शपथ दिलाई।
श्री साय अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ भाजपा की राजनीति में उन्हे लंबे समय से उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा था। राज्य गठन के समय जब उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया गया तब भी उनका विरोध होता रहा।
बाद में 2003 में उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ चुनाव लड़वा कर संकट में झौंका गया था। हाल के दिनों तक वे प्रदेश भाजपा का नेतृत्व अपने हाथ में लेने की कोशिश करते रहे। लेकिन उनका कोई दांव भाजपा में नहीं चला। आखिरकार उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा। दो बार के सांसद और तीन बार के विधानसभा सदस्य 77 वर्षीय साई ने 2000 में छत्तीसगढ़ के निर्माण से पहले भाजपा के मध्य प्रदेश प्रमुख के रूप में भी काम किया था।
राज्य के गठन के बाद साई ने छत्तीसगढ़ में विपक्ष के पहले नेता के रूप में कार्य किया। उन्हें 2017 में अनुसूचित जनजाति के लिए राष्ट्रीय आयोग का प्रमुख नियुक्त किया गया था। इस साल के अंत में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इसके साथ अपने चार दशक से अधिक के जुड़ाव को समाप्त करते हुए पार्टी छोड़ दी है।