देर तक यूरिन रोकने से सेहत को हो सकते हैं नुकसान

by sadmin

रोड ट्रिप हो या फिर ऑफिस में मीटिंग, अक्सर इन मौकों पर लोग कई बार घंटों यूरिन रोककर बैठे रहते हैं। पर ऐसा करते हुए शायद ही उन्हें ये एहसास होता होगा कि वो अपनी सेहत को अनजाने में कितना बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं। यूरिन रोकने से शरीर के कई अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ साइड इफेक्ट्स के बारे में।

हर व्यक्ति अपनी उम्र के अनुसार यूरिन रोकने की क्षमता रखता है। उदाहरण के लिए, छोटे बच्चों का ब्लैडर 1-2 घंटे ही पेशाब रोक पाता है। लेकिन जब वो थोड़े बड़े हो जाते हैं तो उनकी यूरिन रोकने की क्षमता बढ़कर 2-4 घंटे हो जाती है। वहीं एक व्यस्क व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा 6-8 घंटे यूरिन को होल्ड रख सकता है। ब्लैडर में यूरिन रोकने की क्षमता का अर्थ यह बिल्कुल भी नहीं है कि व्यक्ति को इतनी देर तक पेशाब रोककर रखना चाहिए। इससे ब्‍लैडर की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। ब्लैडर में ज्यादा देर तक यूरिन होल्ड करने से व्यक्ति को सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

ज्यादा देर तक यूरिन रोकने से होने वाले नुकसान

यूरिन लीक की समस्या- यह समस्‍या उम्रदराज लोगों के साथ होती है जब वो यूरीन पर कंट्रोल नहीं रख पाते हैं। लेकिन नियमित रूप से पेशाब रोकने की वजह से भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है। ऐसा इसलिए, नियमित रूप से पेशाब रोकने की वजह से ब्‍लैडर कमजोर पड़ना शुरू हो सकता है। जिसकी वजह से यूरीन लीकेज या पेशाब न रोक पाने की समस्‍या हो सकती है।

किडनी को नुकसान- यूरिन रोकने पर न सिर्फ किडनी पर प्रेशर बढ़ता है बल्कि उस पर स्कार भी बना सकता है जो भविष्य में किडनी संबंधी गंभीर बीमारियों की जड़ बन सकता है। कुछ स्टडीज में कहा गया है कि यूरिन रोकना किडनी स्टोन की वजह भी बन सकता है।

यूटीआई – यूटीआई महिलाओं में होने वाली आम समस्‍या है, जो कई कारणों से होती है, जिनमें से एक कारण पेशाब रोकना भी है। समय पर यूरिन नहीं करने से बैक्टीरिया को बढ़ने का मौका मिल जाता है, जो ब्लैडर के अंदर तक भी पहुंच सकता है। यह संक्रमण बढ़ने पर कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।अगर आपको बार-बार यूटीआई की समस्‍या होती रहती है, तो समय पर पेशाब जाएं और आप पर्याप्त पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें।

ब्‍लैडर की स्ट्रेचिंग- नियमित रूप से लंबे समय तक पेशाब रोकने से ब्‍लैडर में स्ट्रेचिंग यानि मूत्राशय में खिंचाव हो सकता है। जिसकी वजह से यूरीन लीकेज की समस्‍या भी हो सकती है।

दर्द- ज्यादा देर यूरिन को रोकने पर ब्लैडर पर प्रेशर बढ़ता है जो दर्द का कारण बन सकता है। यह दर्द किडनी तक भी पहुंच सकता है।

यूरिनरी रिटेंशन- यूरिनरी रिटेंशन वह स्थिति है, जब आपका मूत्राशय पूरी तरह से खाली नहीं हो पाता। इसमें आपको दर्द और असुविधा और पेशाब करने में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा मूत्राशय पूरी तरह से खाली नहीं हो पाता है।

 

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