SBI के बेस रेट बढ़ाने से आम ग्राहकों पर क्या असर होगा, जानिए

by sadmin

देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने बेस रेट में बढ़ोतरी कर दी है. बैंक ने 15 दिसंबर से बेस रेट 0.10 फीसदी बढ़ाकर 7.55 फीसदी कर दिया है. बैंकिंग एक्सपर्ट्स बताते हैं कि किसी बैंक का बेस रेट वह मिनिमम रेट है जिसके नीचे कोई भी बैंक किसी व्यक्ति या संस्था को लोन नहीं दे सकता. बेस रेट वह दर है जिस दर को बैंक अपने कस्टमर के लिए लागू करता है. कुछ यूं कहें तो बैंक जिस रेट पर कस्टमर को लोन देते हैं, वही बेस रेट है

क्या होता है बेस रेट

RBI ने साल 2010 में बेस रेट का ऐलान किया था. उस समय RBI ने कहा था कि बैंक सिर्फ कॉर्पोरेट्स को ही नहीं, बल्कि आम लोगों को भी सस्ते में कर्ज दें. बेस रेट उस दर को कहा जाता है, जिसके नीचे बैंक कर्ज नहीं दे सकता है. इसे लोन की न्यूनतम ब्याज दर माना जाता है. एक्सपर्ट्स ने बताया कि कुछ समय बाद बैंकों ने इस दर के साथ छेड़छाड़ करनी शुरू कर दी. इसीलिए साल 2015 में आरबीआई ने एमसीएलआर शुरू किया, जिसके तहत बैंक लोन की राशि और अवधि के आधार पर अलग-अलग दरों पर लोन दे सकते थे. इसके अनुसार, एक निश्चित समय के लिए ब्याज दर तय रहेंगी और इसमें बदलाव बाद में संभव होगा

अब SBI के फैसले से क्या होगा

आम ग्राहकों पर असर एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस फैसले होम लोन की ईएमआई महंगी हो सकती है. वहीं, SBI के बाद अब अन्य बैंक भी ब्याज दरें बढ़ाने पर फैसला ले सकते है. क्योंकि SBI मार्केट लीडर है.

एक और जरूरी जानकारी

एक्सपर्ट्स ने बताया कि आजकल होम लोन में रेपो रेट लिंक्ड होम लोन भी चल रहा है. बैंक लगातार अपने ग्राहकों को इसकी जानकारी दे रहे है. ये MCLR के मुकाबले बेहतर बताया जा रहा है.

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