आंगनबाडी केन्द्रो मे अधिकांश दिन लटकता रहता ताला: समुह के नाम पर विभाग के लोग चला रहे खाद्यान योजना

by sadmin

दक्षिणपथ,पत्थलगांव। कुपोषण को दूर करने शासन ने महिला बाल विकास के माध्यम से गर्भवती महिला एवं छोटे बच्चो को पोषण आहार देने के लिए रेडी टू इट नामक योजना शुरू कर रखी है,परंतु इस योजना के नाम पर चलने वाली धांधली राज्य शासन का नाम डूबाने मे कोई कसर नही छोड रही। यहा के अधिकाश आंगनबाडी केन्द्रो मे महिने के अधिकांश दिनो मे ताला लटके दिखायी देता है,गर्भवती महिला एवं बच्चे यहा पहुंचकर रेडी टू इट का भोजन तालाश करते है,परंतु बंद आंगनबाडी केन्द्रो की वजह से उन्हे इस खाद्यान योजना का रत्ती भर भी लाभ नही मिल पा रहा। भला ऐसे मे राज्य शासन की इस महत्वकांक्षी योजना का सफल क्रियान्वन कैसे होगा?यही कारण है कि पिछले कुछ दिनो की अपेक्षा कुपोषण की दर मे काफी वृद्धि देखने को मिल रही है। राज्य शासन अपनी योजना रेडी टू इट के माध्यम से कुपोषण को जड से मिटाना चाहता है,परंतु महिला बाल विकास मे बैठे नामचिन लोगो की कारगुजारी के कारण कुपोषण रेडी टू इट योजना पर भारी पड रहा हैं। गर्भवती महिला एवं बच्चो को मिलने वाला रेडी टू इट का राशन से महिला बाल विकास के कर्मकारक रातो रात मालामाल हो जा रहे है। उनकी जिला स्तरीय जांच होने पर रेडी टू इट का भोजन किसके मुंह का निवाला बन रहा है,इस पर से पर्दा उठाकर दोषियों पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिये। दरअसल गर्भवती महिला एवं बच्चो को मिलने वाला रेडी टू इट आहार का निर्माण स्वसहायता समुह की महिलाओ द्वारा किया जाता है,परंतु जानकारी के अनुसार महिला बाल विकास के उंचे पदो पर बैठे लोग स्वसहायता समुह की महिलाओ का निवाला छिनने से बाज नही आ रहे। ये महिलाओ के नाम पर खुद के अनेक स्वसहायता समुह का निर्माण कर उसका संचालन कर रहे है,समुह की आड मे कागचो मे ही आहार का निर्माण आंगनबाडी केन्द्र मे उसकी आपूर्ति एवं महिला व बच्चो को बांट कर खपत दर्शायी जा रही है।
कागजों मे आहार हो रहा वितरण-ःमहिला बाल विकास से हर माह पोषण वितरीत करने की भरपूर सूची प्रकाशित की जा रही है,यह सूची स्वसहायता समुह के पास भेजकर स्व सहायता समुह को उतना खाद्यान आंगनबाडी केन्द्र मे वितरीत करने को कहा जाता है,परंतु यह पूरा खेल कागचो मे सिमटकर रह गया है। महिला बाल विकास से सूची स्वसहायता समुह के पास पहुंचकर वह कागचो मे ही आंगनबाडी केन्द्र तक खाद्यान पहुंचा रही है,पूरा खाद्यान का खेल कागचो मे ही रहने के कारण आंगनबाडी केन्द्र महिने के पच्चीस दिन बंद दिखायी देते है,जिससे महिला एवं बच्चे बंद आंगनबाडी केन्द्र मे पहुंचकर वहा से बैरंग लौट जाते है,बैरंग लौटने वाली महिला एवं बच्चो का राशन कागचो मे उनके नाम पर पूर्ति दर्शाया जा रहा है,जिसका पूरा लाभ विभाग मे बैठे लोग उठा रहे है।।
घटिया आहार का निर्माण: स्वसहायता समुह मे बनने वाला रेडी टू इट के आहार का घटिया निर्माण किया जा रहा है। बताया जाता है कि स्वसहायता समुह की आड मे महिला बाल विकास के नामचिन लोगो के हाथ मे समुह रहने के कारण वहा घटिया राशन से रेडी टू इट का भोजन तैयार किया जाता है। आंगनबाडी से मिली सूची के अनुपात समुह मे केवल पच्चीस प्रतिशत ही राशन तैयार कर बाकी राशन को आंगनबाडी की संचालिकाओ की सहमति से कागचो मे ही निपटाया जा रहा है। यहा इन दिनो सात स्वसहायता समुह के माध्यम से लगभग 270 आंगनबाडी केन्द्रो मे रेडी टू इट का खाद्यान भेजा जाता है।
–जिला कलेक्टर महादेव कावरे ने इस मामले को गंभीर बताया है,उनका कहना था कि रेडी टू इट भोजन की जांच करायी जायेगी,यदि ऐसी अनियमितता पायी जाती है तो दोषी लोगो को कतई नही बख्शा जायेगा। उन्होने जल्द ही इस दिशा मे जांच कराने की बात कही है।
महादेव कावरे-कलेक्टर-जशपुर

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