दक्षिणापथ, दुर्ग। दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र प्रेषित कर भारतमाला परियोजना के भूअर्जन एवं मुआवजा निर्धारण पर राज्य शासन के दिशा-निर्देशों एवं नियमों की अनदेखी पर तत्काल संज्ञान लेने की मांग की है,पूर्व एल्डरमैन ने उन्हें बताया कि भारतमाला सड़क योजना के अंतर्गत प्रस्तावित रायपुर दुर्ग बायपास सड़क के लिए भूमि अधिग्रहण व मुआवजा निर्धारण में गंभीर अनियमितताएं है, दुर्ग में अधिग्रहित भूमि का मुआवजा निर्धारण में भूमि के बाजार मूल्य को गुणांक 1 से गुणा करते हुए मुआवजा राशि की गणना की गई है,भूअर्जन अधिकारियों की इस लापरवाही की वजह से प्रभावित किसानों को कलेक्टर गाइडलाइन व राज्य शासन के दिशा निर्देशों के तहत निर्धारित मुआवजे से काफी कम मुआवजा मिल रहा है,जबकि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा रीट पिटीशन में 30 अक्टूबर 2018 को दिए गए फैसले में भूअर्जन मुआवजे की गणना में गुणांक 1 के प्रयोग को विधि विरुद्ध व अवैध ठहराते हुए निरस्त किया है, साथ ही राज्य शासन को निर्देशित किया था कि इस फैसले के बाद से गुणांक 1 के आधार पर मुआवजा गणना पर आधारित मुआवजा आवार्ड अवैध होंगे,डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा कि अधिनियम के तहत अर्जित भूमि का मूल्यांकन कलेक्टर गाइडलाइन में संबंधित गांव के लिए उल्लेखित बाजार मूल्य दरों के अनुसार किया जाना था,लेकिन भूअर्जन अधिकारियों द्वारा इस नियम की भी अवहेलना की गई है,गाइडलाइन में मार्ग से लगी सिंचित असिंचित एवं पड़त भूमि के लिए दरें निर्धारित है, लेकिन आवार्ड में केवल अर्जित भूमि का ही मुआवजा दर्शाया गया है जबकि भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के अनुसार अर्जित भूमि तथा भूमि से जुड़ी परिसंपत्तियों भवन,तारघेरा, नलकूप,पेड़ आदि का कलेक्टर गाइडलाइन दर व विषय विशेषज्ञों की टीम द्वारा मूल्यांकन के आधार पर मुआवजा गणना व आवार्ड पारित किया जाना था,दुर्ग में भूअर्जन अधिकारियों ने मुआवजा आवार्ड में परिसंपत्तियों के मुआवजे को शामिल ही नही किया गया है, डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री से मुआवजा निर्धारण में कलेक्टर गाइडलाइन व राज्य शासन के दिशा निर्देश का पालन करवाने तथा भूअर्जन व मुआवजा निर्धारण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग किया है।
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