-प्रदेशव्यापी आंदोलन में दुर्ग के अलावा अन्य जिलों में बस ऑपरेटरों ने दिया धरना
दक्षिणापथ, दुर्ग। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ ने डीजल की मूल्यवृद्धि के फलस्वरुप बसों का यात्री किराया बढ़ाए जाने, किराया वृद्धि के लिए स्थायी नीति बनाने, बसों व परमिटों के निष्प्रयोग के लिए 2 माह की समय सीमा खत्म करने के अलावा अन्य मांगों को लेकर शासन के खिलाफ पूरे प्रदेशभर में चरणबद्ध आंदोलन का आगाज कर दिया है। जिसके प्रथम चरण में सोमवार को बस मालिकों एवं बस चालकों ने बस स्टैंड में धरना में बैठकर शासन की नीतियों के खिलाफ जमकर आक्रोश जताया। आंदोलन के तहत दुर्ग के नए बस स्टैंड में बस मालिक व बस चालक धरना में शामिल हुए। यह धरना छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष गुरमीत सिंह संधू के नेतृत्व में दिया गया। धरना में बैठे महासंघ के प्रमुख सलाहकार शिवेश सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन में परिवहन व्यवसाय व्यापक रुप से प्रभावित हुआ है। ऊपर से डीजल की मूल्यवृद्धि ने बस मालिकों को बड़ा आर्थिक बोझ दिया है। पहले 60 रु. प्रति लीटर मिलने वाले डीजल का मूल्य बढ़कर अब 96 रु. हो गया है। जिससे बस मालिक बसों के संचालन में असमर्थ हो रहे है। जिसे देखते हुए बसों का यात्री किराया बढ़ाया जाना आवश्यक हो गया है। किराया वृद्धि के लिए शासन को स्थायी नीति भी बनाना चाहिए, ताकि मंहगाई के दौर में बस संचालक अपना व्यवसाय नियमित रुप से जारी रख सकें। इसके अलावा बसों एवं परमिटों के निष्प्रयोग के लिए 2 माह की समयसीमा को भी समाप्त कर बस संचालकों को राहत दी जानी चाहिए। श्री सिंह ने बताया कि राज्य में 1,08,000 परिवार परिवहन व्यवसाय से जुड़े हुए है। वर्तमान में यह परिवार आर्थिक रुप से काफी समस्याओं का सामना कर रहा है। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के प्रमुख सलाहकार शिवेश सिंह ने बताया कि मांगो को पूरा करने शासन से पूर्व में आग्रह किया गया था। लेकिन शासन ने इस दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाए। फलस्वरुप महासंघ को प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा है। जिसके तहत 2 जुलाई को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके अलावा 8 जुलाई को परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों द्वारा बसों की बारात निकालकर कलेक्ट्रेट में विरोध जताएंगे। 12 जुलाई को बूढ़ा तालाब रायपुर में प्रदेशस्तरीय धरना, 13 जुलाई को बसों का परिचालन बंद कर बस व्यवसायी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। इसके बाद भी मांगे पूर्ण नहीं होने पर महासंघ द्वारा 14 जुलाई को दोपहर 3 बजे रायपुर खारुन नदी तट पर सामूहिक जल समाधि लेने का निर्णय लिया गया है। धरना में बस संचालक संजय रावत,नितेश सोरी, रोहन ताम्रकार, लोकेश्ववर ठाकुर,सुमीत ताम्रकार, बी रामाराव, अमरेंद्र पांडेय, सिकंदर सिंह सेखों, सलीम खान, संजय साहू ,प्रभात ताम्रकार, मारकोश नंदा, करनजीत सिंह बल, शंकर हिरवे सहित अन्य बस संचालक बड़ी संख्या में शामिल हुए।
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