-पुरानी रंजिश में की थी बच्ची की हत्या
दक्षिणापथ, पत्थलगांव। पत्थलगांव में विगत 1 साल पूर्व महादेव टिकरा से रुचिका भारद्वाज नामक बालिका लापता हो गई थी जिसकी तलाश में जिले की पुलिस ही नहीं वरण छत्तीसगढ़ सुबह के मुखिया तक को मामले पर हस्तक्षेप करना पड़ा था जिसके लिए गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने गुमशुदा बच्ची को ढूंढने के लिए पुलिस विभाग को निर्देशित किया था। जिसके बाद सरगुजा आईजी रतनलाल डांगी स्वयं घटनास्थल पर पहुंचकर बारीकियों से मामले की जांच पड़ताल के लिए निर्देशित करते हुए कई टीमों का गठन किया था किंतु पुलिस के हाथ कोई भी पुख्ता सुराग हासिल नहीं हुआ था। पुलिस केवल हवा में हाथ पैर मार कर मामले पर पर्दा डाल चुकी थी। अचानक 1 साल बाद पतरापाली जूना पारा तलाब के पास एक कंकाल मिला जिसको रुचिका के परिजनों ने मौके पर जाकर अपनी बच्ची के कंकाल होने की जानकारी दी जिसके बाद पुलिस ने कंकाल को जप्त करते हुए मामले की पुन: सुक्ष्मता से जांच की एवं कंकाल को डीएनए टेस्ट के लिए भेजा वही पुलिस ने महादेव टिकरा के अमित कुर्रे पिता नारायणराम कुर्रे 22 साल पर संदेह जताते हुए पुलिस हिरासत में लिया जिसके बाद अमित कुर्रे पुलिस के आगे सच्चाई उगलने लगा जहां पुलिस को शुरू से ही अमित कुर्रे के ऊपर संदेह की सुई घूम रही थी उसने अपना अपराध कबूल करते हुए हत्या की बात कबूली ।अमित कुर्रे ने बताया कि घटना वाले दिन रुचिका भारद्वाज उसके टेलर वाली दुकान पर आई थी जहां वह दरवाजे से जोरदार टकरा गई जिसके बाद वह वहीं बेहोश हो गई बेहोश होने के बाद अमित कुर्रे काफी डर गया एवं बच्ची को झोले में भरकर पैदल ही खेत के रास्ते से जूना पारा के तालाब में फेंक आया शाम होते ही जब बच्ची के परिजन पत्थलगांव से लौटे तो ढूंढने की तलाश चालू हुई किंतु ढूंढने से पूर्व ही अमित ने बच्ची का काम तमाम कर दिया था। साल भर से पुलिस बच्ची को ढूंढने का प्रयास करती रही किंतु अमित कुर्रे इस सब माजरा को आंखों से देखता रहा। आखिर मौत सर चढ़कर बोली और उसकी होशियारी काम नहीं आई एवं पुलिस के आगे पूछताछ में आखिरकार टूट कर अपना गुनाह कबूल किया आरोपी को धारा 302, 201 के तहत गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भेजा।मामले को सुलझाने में पत्थलगांव डीएसपी योगेश देवांगन थाना प्रभारी संतलाल आयाम आरक्षक नसरुद्दीन अंसारी सहित सभी ने काफी मेहनत की। पुलिस अधीक्षक बालाजी राव सोमावार ने बताया कि डेटम टेस्ट के बाद ही पता चल पाएगा की बच्ची का जिंदा झोले में भर कर फेंका गया की मौत होने के बाद उसे फेंका गया है और भी मामले में लड़के के परिजनों का डीएनए टेस्ट व ब्रेन मैपिंग टेस्ट भी किया जावेगा जिससे मामले से और भी पेज बाहर निकल सके। आईजी ने दस हजार रूपये वह तीन हजार रूपए बालाजी राव सोमावार पुलिस अधीक्षक ने इनाम की घोषणा की।
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