दक्षिणापथ, दुर्ग । पंचायत चुनाव सम्पन्न होने के पश्चात पंचायती राज अधिनियम के अनुसार सरपंचों उपसरपंचों व पंचों का जनपद पंचायत व जिला पंचायत के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाता है । इस बार पंचायत चुनाव के लगभग 2 साल पुर्ण होने के पश्चात भी अभी तक किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। जिसका असर पंचायत के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों पर पड़ रहा है। किसी भी प्रकार की कानुनी व अधिनियमों की जानकारी ना होने की वजह से आपसी तालमेल के अभाव में विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है। कई ग्राम पंचायतों में पूरी तरह नई पंचायत बॉडी आई है । उन सभी को नियमों व कार्यप्रणाली की कोई भी जानकारी नही है। जिसका अवसरवादी लोग दुरुप्रयोग कर रहे है । जिससे पंचायती राज में निहित शक्तियों का अभाव महसुस किया जा रहा है । चुकि ग्राम पंचायतों को देश राष्ट्र की नीव कहा जाता है। उप सरपंच संघ जिला दुर्ग के अध्यक्ष एवं एक प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर से मिलकर अपनी बात रखते हुए उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि कोरोना संबंधित नियमों का पालन करतें हुए जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देकर उन सभी को पंचायत शक्ति व उनकी क्या जिम्मेदारी है, इनकी जानकारी दिलवायी जाये। ताकि शासन व प्रशासन के सहयोग से विकास किया जा सके। उन्होंने कहा कि चुकि सभी ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों ने कोरोना काल में अपने दायित्वों का निर्वहन जिम्मेदारी के साथ किया है,और कुछ जनप्रतिनिधि अपने कार्य का निर्वहन करतें करतें अब हमारें बीच अब नही रहें। अपनी जिम्मेदारी की मिसाल दे रहे सभी पंचायत प्रतिनिधियों को फ्रंटलाइन वर्कर्स मे शामिल करने की मांग भी किये। उक्त अवसर पर दुर्ग जिला उपसरपंच संघ अध्यक्ष गजेंद्र साहू , जिला सचिव अर्चना यादव , ब्लॉक अध्यक्ष पाटन पवन पटेल ,ब्लॉक अध्यक्ष दुर्ग शीतला ठाकुर , ब्लॉक अध्यक्ष धमधा भूपेंद्र पाल , कोसाध्यक्ष पाटन तोपेंद्र वर्मा उपस्थित थे। कलेक्टर डॉ भूरे ने जिला पंचायत सी.ईओ को तुरंत वीडियो वर्चुअल मीटिंग के लिये आदेश किया।