दक्षिणापथ. कोरोनाकाल में जो लोग खुद को स्वस्थ भी मानते हैं, उनमें से अधिकांश लोगों की शारीरिक व मानसिक सेहत अब पहले जैसी नहीं रही। सालभर से घर तक ही सीमित रहने के कारण बहुत से लोग मोटापा से पीड़ित हो गए हैं, इसके अलावा स्वास्थ्य और आर्थिक संकट के कारण बहुत से लोग गहरे मानसिक अवसाद से पीड़ित हैं। अमेरिका के प्रतिष्ठित मिशिगन विश्वविद्यालय ने इन स्थितियों से उबरकर दोबारा जिंदगी शुरू करने की कोशिश करने वालों के लिए विशेष सलाह जारी की हैं। आइए जानते हैं कि कोविड से बिगड़े शरीर और दिमागी सेहत को हम किस तरह वापस पा सकते हैं।
अनचाहे बदलावों को स्वीकारें
अमेरिकन साइकोलॉजिकल सोसायटी का कहना है कि महामारी के कारण शरीर में आए अनचाहे बदलाव जैसे वजन बढ़ना, चिड़चिड़ापन, नींद कम या बहुत ज्यादा आने को स्वीकारने की जरूरत है। जब तक आप अपने अंदर आए अनचाहे बदलावों को नजरअंदाज करते रहेंगे, तब तक उनमें सुधार नहीं किया जा सकता।
सुधार की व्यावहारिक योजना बनाएं
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के अध्ययन के मुताबिक, अपने अंदर के अनचाहे बदलावों को सुधारने के लिए हमें एक नियत समयावधि के लिए योजना बनानी चाहिए। साथ ही यह भी याद रखने की जरूरत है कि आप जो सुधार करना चाहते हैं, उनकी समयावधि व्यावहारिक हो ताकि आप आसानी से उसे प्राप्त भी कर सके। उदाहरण के लिए आप अपना दो किलो वजन एक महीने के अंदर घटाना चाहेंगे तो यह व्यावहारिक होगा, जबकि महीनेभर में पांच किलो वजन घटाना मुश्किल या आपकी स्थितियों के मुताबिक असंभव भी हो सकता है।
नींद सुधारने के लिए वातावरण पर ध्यान
आप ठीक ढंग से सो नहीं पा रहे हैं तो अपने बेडरूम के वातावरण पर नजर दौड़ाइए। इस बात को सुनिश्चित कीजिए कि आप जिस जगह सो रहे हैं, वह एक शांत और कम रोशनी वाला कमरा हो ताकि आपकी नींद में खलल न पड़े। सोने से पहले टहलना या फिर किताब पढ़ने जैसी आदतों को दोबारा अपनाना शुरू करें। कमरे के अंदर ही या बालकोनी में टहलना बेहतर होगा। साथ ही कैफीनयुक्त पेय का कम इस्तेमाल करने से भी नींद में सुधार होगा।
दिनचर्या बनाएं
आप अभी जिन भी स्थितियों के बीच रह रहे हों, अपने शरीर को एक तय दिनचर्या में ढालें। उसके हिसाब से ही व्यायाम, नहाना-धोना, भोजन करें और नींद लें। मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि एक निश्चित दिनचर्या के अभाव में हमारा शरीर और मस्तिष्क सामान्य व्यवहार नहीं करता। उसे एक नियत समयावधि में कोई काम करने के लिए प्रेरित करें। इस तरह आप 24 घंटों के भीतर वे भी आवश्यक काम कर सकेंगे जो एक स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा होने चाहिए।
एल्कोहल सेवन
अगर आप कोरोनाकाल में चल रही तमाम परेशानियों से राहत पाने के नाम पर बहुत ज्यादा शराब का सेवन करने लगे हैं तो शराब पीने से जुड़े उन हल्के से लेकर गंभीर किस्म के लक्षणों पर ध्यान दें जो एल्कोहल के कारण आपके शरीर पर दिखने लगे हैं। शराब पीने के बाद हल्का हैंगओवर रहना, दिमाग में असमंजस की स्थिति रहने पर समझ लें कि शराब छोड़ने का वक्त आ गया है।
-42% वयस्कों का वजन 6-7 किलो तक अनचाहे रूप से बढ़ गया है।
-18% लोगों के शरीर के वजन में कोरोनाकाल में गिरावट दर्ज की गई।
-66% लोगों ने अपनी नींद के पैटर्न में बदलाव दर्ज किया है एक साल में।
-23% लोग तालाबंदी के कारण एल्कोहल का अत्यधिक प्रयोग करने लगे।
( स्त्रोत : अमेरिकन साइकोलॉजी एसोसिएशन सर्वे )