नई दिल्ली । बैंकिंग विशेषज्ञों ने कहा कि बजट के बाद आई आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सही रुख अपनाया गया है और नकदी को बढ़ावा देने के साथ ही वित्तीय बाजारों में घरेलू बचत को बढ़ाने के लिए पर्याप्त उपाए किए गए हैं। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि आरबीआई की नीतिगत घोषणा में ऋण प्रबंधन के लिए एक सुव्यवस्थित, निर्बाध और सुगम नकदी प्रबंधन नीति को बनाए रखने के लिए जो भी जरूरी हो, उसे स्वीकार किया गया और जारी रखा गया है। बढ़ी हुई एचटीएम सीमा का विस्तार, एमएसएफ के तहत धन की उपलब्धता में छूट और एनबीएफसी की टीएलटीआरओ सीमा के विस्तार से ऋण प्रवाह और नकदी प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर यह नीति समीक्षा और आम बजट वृद्धि को फिर से जीवंत करने के लिए आदर्श साबित हो सकते हैं। पंजाब नेशनल बैंक के एमडी और सीईओ एसएस मल्लिकार्जुन राव ने कहा कि नीति समीक्षा पूरी तरह केंद्रीय बजट की पूरक है और इसके वृद्धि को बल मिलेगा। बंधन बैंक के एमडी और सीईओ चंद्र शेखर घोष ने सूक्ष्मवित्त के लिए नियामक ढांचे की समीक्षा करने की आरबीआई की योजना का स्वागत किया। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री समीर नारंग ने भरोसा जताया कि दरों में कटौती की निचली सीमा आ चुकी है, हालांकि नकदी बनी रहेगी। बैंक ऑफ इंडिया के एमडी और सीईओ एके दास ने कहा कि आरबीआई की नीति से आर्थिक वृद्धि में तेजी आएगी।
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