आरबीआई ने जारी की नई धोखाधड़ी के बारे में चेतावनी

by sadmin

नई दिल्ली । हाल ही में मोबाइल नंबरों का उपयोग कर भारतीय रिजर्व बैंक ने नए धोखाधड़ी के बारे में चेतावनी जारी की है। बैंक द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, बैंकों या वित्तीय संस्थानों के टोल फ्री नंबरों के समान मोबाइल नंबरों से धोखाधड़ी की जा रही है। फ्रॉड करने वाले वित्तीय संस्थानों के टोल फ्री नंबरों की तरह मोबाइल नंबर रखते हैं और संस्था के नाम के साथ ट्रूकॉलर जैसे ऐप पर नंबर सेव करते हैं।
मसलन, मान लें कि बैंक से आने वाले फोन कॉल की संख्या 1600-123-1234 है। तब ये जालसाज़ 600-123-1234 की तरह ही इसके लिए एक नंबर प्राप्त करते हैं और इसे ट्रूकॉलर या अन्य सेवा देने वाले एप पर सफलतापूर्वक बैंक के टोल फ्री नंबर के रूप में रजिस्टर्ड करते हैं। इससे लोगों के लिए यह जानना मुश्किल हो जाता है कि क्या यह कॉल बैंक/वित्तीय संस्थान की ओर से है या कोई फ्रॉड करने वाला फोन कर करा है। सबसे पहले तो यह समझना जरूरी है कि कोई भी वित्तीय संस्थान या उनके प्रतिनिधि ईमेल, एसएमएस या व्हाट्सएप संदेश नहीं भेजते हैं या व्यक्तिगत जानकारी, पासवर्ड या ओटीपी पूछने के लिए फोन पर कॉल नहीं करते हैं। ऐसा कोई भी संचार, इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से ग्राहकों के बैंक खाते से धोखाधड़ी करके पैसे निकालने का एक कोशिश है। इस तरह के ईमेल, एसएमएस, व्हाट्सएप संदेश या फोन कॉल का कभी जवाब न दें। ग्राहकों को कभी भी कार्ड के ‘सत्यापन’ के लिए एसएमएस के माध्यम से प्राप्त लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए। यह समझना जरूरी है कि कार्ड पहले से ही बैंक द्वारा सत्यापित है और इस तरह के संदेशों के जवाब देने की कोई आवश्यकता नहीं है।
ग्राहकों को हमेशा अपनी आधिकारिक वेबसाइट से बैंक के संपर्क डिटेल तक पहुंचना चाहिए और समस्याओं के मामले में उनसे संपर्क करने के लिए सुरक्षित साधनों का उपयोग करना चाहिए।ग्राहकों को सत्यापित करने के लिए बैंक केवल खाता संख्या और नाम की जानकारी रखते हैं और कोई भी बैंक कभी भी कार्ड पर लिखे एटीएम पिन या सीवीवी नंबर नहीं मांगेगा। ऐसे ग्राहक जिन्होंने अपना क्रेडिट या डेबिट कार्ड खो दिया है वे भी सावधान रहें। बैंक कार्ड से जुड़े खाता संख्या के आधार को पहचानने और ब्लॉक करने में सक्षम है। यह जानकारी बैंक की पासबुक/चेक बुक या क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट पर उपलब्ध है।

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