सीएम भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में प्रदेश में नवगठित 10 राजस्व अनुविभागों एवं 25 नवीन तहसीलों का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में सीएम ने नए अनुविभाग तिल्दा नेवरा, बागबाहरा, मालखरौदा, धमधा, बलरामपुर, राजपुर, भरतपुर, खड़गवां, भोपालपट्टनम और भैरमगढ़ का उद्घाटन किया। इन अनुविभागों के उद्घाटन के बाद प्रदेश में 108 अनुविभाग होंगे।
बघेल ने कार्यक्रम में 25 नई तहसीलों मंदिरहसौद, धरसींवा, बेलरगांव, कोमाखान, सोनाखान, टुंड्रा, अमलीपदर, बेलतरा, जरहागांव, दीपका, मुकड़ेगा, कोटाडोल, पोड़ी (बचरा), औंधी, खड़गांव, साल्हेवारा, लालबहादुर नगर, मर्री बंगला (देवरी), देवकर, भिंभौरी, नानगुर, भानपुरी, तोंगपाल, मर्दापाल, धनोरा का उद्घाटन किया। इन तहसीलों के उद्घाटन के बाद प्रदेश में तहसीलों की संख्या बढ़कर 227 हो जाएगी।
सीएम ने कहा कि नए अनुविभाग एवं तहसीलों की स्थापना से राज्य के सभी नागरिकों को लाभ पहुंचेगा, साथ ही शासकीय योजनाओं के सुचारू रूप से क्रियान्वयन एवं प्रशासकीय कामकाज में कसावट लाने में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाएं एवं मूलभूत सुविधाएं आम जनता को आसानी से उपलब्ध होंगी। विकास की रफ्तार भी बढ़ेगी।
नामांतरण पोर्टल के नए वर्जन का भी सीएम ने किया शुभारंभ
सीएम भूपेश बघेल ने आज एक वर्चुअल कार्यक्रम में प्रदेश में अविवादित नामांतरण एवं खाता विभाजन प्रकरणों के त्वरित एवं समयबद्ध निराकरण हेतु नामांतरण प्रक्रिया को सरलीकृत करते हुए तैयार किए गए ऑनलाइन नामांतरण पोर्टल के नए वर्जन का शुभारंभ किया।
ऑनलाइन आवेदन नामांतरण पंजी में स्वतः दर्ज होगा
पोर्टल के माध्यम से पंजीयन कार्यालय एवं नागरिकों से प्राप्त ऑनलाइन आवेदन नामांतरण पंजी में स्वतः दर्ज होगा। इसके बाद क्रेता से राजस्व न्यायालय अथवा ग्राम पंचायतों में नामांतरण किए जाने के संबंध में विकल्प लिया जाएगा। विकल्प के बाद आम ईश्तहार एवं व्यक्तिशः सूचना की प्रति विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। नए वर्जन में पक्षकारों को प्रकरण दर्ज होने, प्रत्येक पेशी तारीख तथा आदेश पारित होने की तारीख एवं अभिलेख दुरूस्ती होने की सूचना एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी। प्रकरण में आपत्ति प्राप्त नहीं होने पर आदेश पारित किया जाएगा।
न्यायलयीन प्रकरणों का शीघ्र निराकरण होगा
आदेश पारित होने के 7 दिवस के भीतर हल्का पटवारी द्वारा अभिलेख दुरूस्ती कर डिजिटल हस्ताक्षर से सत्यापन किया जाएगा। इससे आम नागरिकों के समय की बचत होगी एवं न्यायलयीन प्रकरणों का शीघ्र निराकरण होगा।