मुंबई. जर्मनी के एक नौसेना अधिकारी को गुरुवार को आपात चिकित्सा सहायता के लिए अरब सागर से मुंबई में इमर्जेंसी में एयरलिफ्ट किया गया। उस वक्त जर्मनी का यह युद्धपोत मुंबई तट से 275 किलोमीटर दूर था। जर्मन नौसेना के जिस अधिकारी को निकाला गया वह बैयर्न युद्ध पोत पर सवार था। भारतीय नौसेना ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी। नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि जर्मन दूतावास के अनुरोध पर मरीज को जहाज से चलने वाले सुपर लिंक्स हेलिकॉप्टर द्वारा आईएनएस शिकारा में उतारा गया था। यह कार्रवाई मुंबई से लगभग 275 किलोमीटर दूर स्थित जर्मन नौसेना के जहाज बैयर्न से पश्चिमी नौसेना कमान के समन्वय से की गई।
एयरलिफ्ट किए गए जर्मनी के सैन्य अधिकारी को आईएनएचएस अश्विनी पर ले जा गया, जहां उनकी विशेषज्ञ चिकित्सों की टीम ने जांच की और उनकी कई तरह की जांच कराई गई। नौसेना सूत्रों ने बताया कि जर्मनी अधिकारी की हालत स्थित है। उन्हें चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है।
जर्मन राजदूत लिंडनर व आदित्य ठाकरे ने पोत की अगवानी की
जर्मनी के युद्धपोत की मुंबई में जर्मनी के भारत स्थित राजदूत वाल्टर जे लिंडनर और महाराष्ट्र सरकार के प्रोटोकॉल, पर्यटन व पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने अगवानी की। दरअसल यह पोत मुंबई तट पर डेरा डालेगा। भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती दखलंदाजी के चलते जर्मनी ने इसे क्षेत्र में भेजा है। जर्मनी के राजदूत लिंडनर ने इस मौके पर कहा कि हमें इस क्षेत्र में मुक्त समु्द्री मार्ग चाहिए। प्रशांत क्षेत्र में शांति जरूरी है। क्षेत्र के सभी 32 देशों को अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानूनों का पालन करना चाहिए। ठाकरे ने कहा कि जर्मनी के युद्धपोत की अगवानी करना सम्मान की बात है। दोनों देशों के संबंध बहुत अच्छे हैं। हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम एक देश के रूप में दुनिया को स्वतंत्रता, लोकतंत्र व स्थिर समुद्री रास्ते कायम रखने का संदेश दें।