भिलाई: अस्पताल में खड़ी एंबुलेंस, इनसेट में निजी एंबुलेंस।
लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला में बड़ी अनियमितता सामने आई है। अस्पताल में 3 सरकारी एम्बुलेंस हैं, जिससे जिला अस्पताल व आसपास के क्षेत्रों में मरीजों को लाने व ले जाने के लिए मुफ्त सेवा दी जानी है, लेकिन इसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा। अस्पताल में पदस्थ एक ड्राइवर खुद के दो निजी एम्बुलेंस से लोगों को लाने व ले जाने का काम कर रहा है।
इसकी एवज में वह मरीजों व उनके परिजनों से 1200 रुपए तक वसूल रहा है। भास्कर की पड़ताल में इसका खुलासा हुआ है। सरकारी एम्बुलेंस का इस ड्राइवर का नाम विनोद कुमार है। स्टिंग के दौरान गुरुवार को इसकी एक एम्बुलेंस मेन गेट केे करीब खड़ी हुई थी। वहीं दूसरी परिसर में इधर से उधर घूम रही थी। जबकि दो सरकारी वैन मरच्यूरी के बाहर खड़ी थी। एक परिसर में खराब पड़ी हुई है।
दो वाहन शास्त्री अस्पताल में लगातार सक्रिय रह रहे
भास्कर की टीम जब शास्त्री अस्पताल में पहुंची तो एम्बुलेंस सीजी 07 सीसी 8688 मुख्य द्वार पर ही खड़ी थी। दूसरी वैन सीजी 07 सीई 0658 परिसर में घूमते हुए मिली। ये दोनों गाड़ी रोजाना अस्पताल में मरीजों को लाने व ले जाने का काम कर रही हैं। वहीं जिला अस्पताल पहुंचाने के लिए 1200 रुपए वसूला रहे हैं। जिससे मरीजों को नुकसान हो रहा है।
सरकारी अस्पताल में एम्बुलेंस की मुफ्त सुविधा
शासन ने हर सरकारी अस्पताल में एक से दो एम्बुलेंस उपलब्ध कराया है। साथ ही जब 108 न मिल पाए तो इस एम्बुलेंस से मुफ्त में जिला अस्पताल पहुंचाया जाना है। मरीजों को गुमराह तक इन दोनों एम्बुलेंस की सुविधा से वंचित किया जा रहा है। वहीं अस्पताल प्रबंधन भी इस मामले से अनजान है। बहरहाल भास्कर की पड़ताल की गूंज विभाग तक जरुर पहुंचेगी।
अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीज परेशान
केस-1 जिला अस्पताल के लिए 1200 रुपए मांगा: कांट्रेक्टर कॉलोनी निवासी महेंद्र साहू ने बताया कि दो दिन पहले वह अपने भतीजे को लेकर शास्त्री अस्पताल गए थे। यहां से दुर्ग रेफर कर दिए जाने पर उन्होंने सरकारी एम्बुलेंस की मांगी तो खाली नहीं बताया गया। 108 सेवा भी व्यस्त मिली। मुख्य द्वार पर खड़ी निजी एम्बुलेंस ड्राइवर ने उनसे दुर्ग के लिए 1200 रुपए मांगा।
केस-2 मेडिकल के लिए विनोद से मिलना जरूरी: छावनी निवासी संजय साहनी ने बताया कि गुरुवार को वह अपने बेटे का मेडिकल सार्टिफिकेट बनवाने पहुंचे थे। पूछताछ केंद्र में वहां विनोद नाम का कर्मचारी मिल गया। स्टाफ के कहने पर उन्होंने मुझसे 500 रुपए लिए और थोड़ी देर में बनवाकर दे दिया। लोग परेशान हो रहे हैं।
एम्बुलेंस मैंने ड्यूटी पर आने-जाने के लिए खरीदा
एम्बुलेंस मैंने ड्यूटी पर आने-जाने के लिए खरीदा है। इसी से मैं आता-जाता हूं। इसमें आपत्ति क्या हो सकती है। सिर्फ आज ही मैने मौके पर खड़ी की है।-विनोद कुमार, ड्राइवर शास्त्री अस्पताल सुपेला
मेरे सामने ही विनोद अपनी निजी एम्बुलेंस से उतरा
मेरे सामने ही विनोद अपनी निजी एम्बुलेंस से उतरा है। उसने अपनी एम्बुलेंस को मुख्य द्वार पर खड़ी की थी, इसलिए मैने आपत्ति जाहिर की है। -डॉ. पियाम सिंह, प्रभारी सुपेला
सेवा शर्तों का उल्लंघन, कार्रवाई की जाएगी
सरकारी चालक द्वारा अपनी ड्यूटी के समय निजी एम्बुलेंस का संचालन करना सेवा शर्तों का उल्लंघन है। इसकी जांच होगी। -डॉ. पी बालकिशोर, सिविल सर्जन जिला अस्पताल दुर्ग