दक्षिणापथ,दुर्ग(गुलाब देशमुख)।दुर्ग पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने कानून व्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी ले ली है इस कड़ी में बरसों से एक ही थाना में अंगद की तरह पैर जमाए बैठे आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक तथा एएसआई इनकी सर्जरी के बाद ही कानून व्यवस्था में कसावट आएगी। हालांकि इसकी पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल को भनक लग गई है। उन्होंने ऐसे अधिकारियों कर्मचारियों की सूची बनवाई है। इसलिए भलाई इसी में है कि 3 वर्ष तक एक थाना में कार्यरत अधिकारी कर्मचारी खुद अपनी सहुलियत के आवेदन कर स्थान बदल सकते है। दुर्ग जिले में ऐसे कई मलाईदार थाना में लम्बे समय से अपनी सिफारिश की बदौलत जमे हुए है। जानकारी के मुताबिक एएसआई, प्रधान आरक्षक और आरक्षक मिलाकर करीब 300 की संख्या होगी। कोई रीडर बने तो कई मददगार बनकर एक ही स्थान पर टिके हुए हैं। इस वजह से कानून व्यवस्था में कसावट नजर नहीं आ रही है। इसमें कई ऐसे भी है जिनके क्षेत्र के अपराधियों से पूरी साठ-गांठ है। जिनके बारे में लगातार शिकायतें मिल रही है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि 10 अगस्त के बाद जिला के 22 थाना और 6 चौंकियों में बड़ी संख्या में सर्जरी होना तय है।
इस थानों में जमें है
अंडा, अंजोरा चौकी,छावनी, जामुल,भिलाई तीन, भट्ठी थाना, सुपेला, दुर्ग, मोहन नगर और भिलाई नगर में ऐसे लोग अधिक हैं। इसके साथ कंट्रोल रुम और अन्य शाखा भी अछूता नहीं है। जहां करीब 3 साल से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी जमें हुए हैं। कई थाना में ऐसे सिपाही हैं, जो सिविल ड्रेस में रहते है। जब नए थाना प्रभारी ज्वाइन करते है। तब पुराने वालंटियरों को टारगेट कर उन्हें गिरफ्तार कर लेते है। टीआई उनकी कार्यप्रणाली से गदगद हो जाते है। उसके बाद थाना प्रभारी की आंख में धूल झोककर धड़ल्ले से अन्य गतिविधियों में लिप्त हो जाते है। इतना ही नहीं जुआ सट्टा, कबाड़ी और शराब बिकवाते है। पैसे उगाही का कार्य करते है। यह सिलसिला करीब 4 साल से चला आ रहा है।
ये लोग कर सकते है आवेदन
दुर्ग पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि थाना, चौकी और शाखा में पदस्थ ऐसे अधिकारी व कर्मचारियों जिनकी पदस्थापना 1 जुलाई 2021 से तीन वर्ष या उससे अधिक अवधि एक थाना में हो चुकी है या फिर एक ही थाना में 10 वर्षो में दोबारा पदस्थ रहे हो, उन्हें स्थानांतरित किया जाएगा। एसपी दुर्ग प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि 1 जुलाई 2021 से 3 वर्ष की अवधि एक ही थाना में हो चुकी है, उनके लिए हमने प्रोफार्मा जारी कर दिया है। कर्मचारियों की परेशानी न हो इसके लिए खुद उनसे आवेदन मंगाया जा रहा है। उनके मुताबिक थाना मिल जाएगे। यह बदलाव सिर्फ कानून व्यवस्था में कसावट लाने के लिए किया जाएगा।