सरकार बनते ही फिर माफ होंगे किसानों के सारे कर्ज, सक्ती की सभा से भूपेश का ऐतिहासिक ऐलान

by shorgul news

भिलाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐलान किया है कि यदि छत्तीसगढ़ में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनती है तो पिछली बार की तर्ज पर इस बार भी किसानों के सारे कर्ज माफ किए जाएंगे। बिलासपुर जिले के सक्ती में डॉ. चरणदास महंत समेत 3 अन्य प्रत्याशियों के लिए आयोजित नामांकन रैली को सम्बोधित करते हुए श्री बघेल ने भाजपा की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने यह साबित किया है कि वह जो कहती है, उसे करती भी है। सक्ती में अपार जनसमूह की मौजूदगी के बीच भूपेश बघेल ने भाजपा की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के उपक्रमों को बेचने और एक उद्योग समूह को फायदा पहुंचाने की कोशिश की लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार ऐसा होने नहीं दे रही है।

श्री बघेल ने कहा कि 5 साल पहले छत्तीसगढ़ के लोगों ने कांग्रेस पार्टी को जीत का आशीर्वाद दिया था। इससे पहले 15 साल तक यह लगा ही नहीं कि छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढिय़ा लोगों का राज है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले चुनाव में किसानों का कर्ज माफ करने की बात कही थी। छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस को ऐतिहासिक बहुमत मिला तो श्री गांधी ने हमें 10 दिन का वक्त दिया था, लेकिन हमने सिर्फ 2 घंटे के भीतक 19 लाख किसानों के साढ़े 9 हजार करोड़ रूपए माफ कर दिए। इसी दिन हमने 2500 रूपए प्रति क्विंटल धान की खरीदी करने और जिन कर्जदार किसानों ने करीब 1200 करोड़ रूपए चुका दिए थे, उस राशि को उनके खाते में वापस करने का भी निर्णय लिया। एक ही दिन में तीन बड़े फैसले करने से लोगों में यह भरोसा जागा कि कांग्रेस जो कहती है, वह करती है। श्री बघेल ने कहा कि हमने सरकार बनने के तत्काल बाद से ही किसानों, मजदूरों के हित में फैसले किए। हमारा प्रयास था कि उनके घरों में खुशहाली आए। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत हमने 2640 रूपए दिए, जबकि राहुल गांधी ने चुनावी सभा में 2500 रूपए देने का वायदा किया था। 15 की बजाए 20 क्विंटल धान की खरीदी की। जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि समर्थन मूल्य से ज्यादा धान वे नहीं खरीद सकते।

सक्ती में अपार जनसमूह को सम्बोधित करते हुए श्री बघेल ने कहा कि हमारी सोच है कि सबकी जेब में पैसा जाना चाहिए। इसी के तहत मजदूरों को साढ़े 7 हजार रूपए देने की महती योजना लागू की गई। यह योजना पूरे देश में सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही चल रही है। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में आज गांव, गरीब और किसानों के बच्चे अंग्रेजी की पढ़ाई कर रहे हैं। हमने पूरे राज्य में 753 ऐसे स्कूल खोले हैं, ताकि हमारे बच्चे भी अंग्रेजी पढ़ और बोल सकें। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढिय़ा लोग संकोची प्रवृत्ति के होते हैं। इसलिए वे बोल नहीं पाते। लेकिन हम नहीं बोल सकते तो क्या हुआ, हमारे बच्चे तो अंग्रेजी बोलें। 25 लाख रूपए तक की स्वास्थ्य योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इससे लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करने में काफी मदद मिली है। गांवों में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए रीपा योजना लागू की गई। छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक का आयोजन हम कर रहे हैं। इस साल एक 70 वर्षीय बुजुर्ग फुगड़ी में पहले स्थान पर आई। हमने छत्तीसगढिय़ा तीज-त्यौहार, बोली और भाषा का मान बढ़ाया। छत्तीसगढिय़ा त्यौहारों पर छुट्टियां हमारी सरकार में ही प्रारम्भ कराई गई। आज छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आया है। अब लोग कहने लगे कि छत्तीसगढिय़ा सबले बढिय़ा है।

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