दुर्ग। भिलाई स्थित केंद्रीय कर्मशाला के रिवाइवल के लिए प्रोजेक्ट बनाने के निर्देश कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने दिए।
उन्होंने आज वर्कशॉप के निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। उनके साथ मुख्यमंत्री के ओएसडी मनीष बंछोर भी मौजूद रहे।
कलेक्टर ने अधिकारियों से वर्तमान स्थिति की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि 2007 तक इस यूनिट से ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन दोनों की सामग्री तैयार होती थी तब इसकी क्षमता 20 हजार टन थी। 2007 के बाद डिस्ट्रीब्यूशन से संबंधित सामग्री बननी बंद हो गई। अब उत्पादन 700 से 800 टन रह गया है।
पहले इस यूनिट से 800 लोगों को रोजगार मिलता था। अब केवल 40 लोग कार्यरत हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रोजगार मिशन के अंतर्गत बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन के निर्देश दिए हैं जिसके अंतर्गत सभी सेक्टर में रोजगार की संभावनाओं पर काम हो रहा है।
डिमांड की जानकारी लें और फिर प्रस्ताव दें- कलेक्टर ने कहा कि डिस्ट्रीब्यूशन यूनिट से जुड़ी सामग्री की डिमांड मार्केट में कितनी है और आपूर्ति कितनी हो रही है। इसका आकलन कर प्रस्ताव तैयार कर लें। इसके लिए सरकारी तंत्र में खरीदी की जरूरत, रेल्वे में खरीदी की जरूरत के अतिरिक्त निजी क्षेत्र में खरीदी की जरूरत का आंकलन कर लें।
1960 में इंग्लैंड से आई सामग्री- अधिकारियों ने बताया कि 1960 में यहां मशीन आई और अभी भी इन पर काम किया जा सकता है। कलेक्टर ने विस्तार से रिवाइवल प्रोजेक्ट पर अधिकारियों से बातचीत की। यह वर्कशॉप लगभग 98 एकड़ में बनी है। इसका निर्माण ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन कार्य के लिए सामग्री बनाने किया गया था।