जैविक खेती को टुकड़ों में नहीं, क्लस्टर में कराएं : सीएम

by sadmin

सीएम भूपेश बघेल ने राज्य में रासायनिक खाद पर निर्भरता को खत्म करने और जैविक खेती को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया है। जैविक खेती को अलग-अलग पैच की बजाय क्लस्टर (गुच्छों में या समूह बनाकर) में कराने के निर्देश सीएम ने अधिकारियों को दिए हैं। इसके लिए जैविक खेती को अलग-अलग पैच में कराने के बजाय क्लस्टर में कराने की बात उन्होंने कही है। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से धान की आवक नहीं होनी चाहिए। 

सीएम ने कलेक्टर कांफ्रेंस के दूसरे दिन सचिव स्तर के अधिकारियों से विभिन्न विभागों की योजनाओं के क्रियान्वयन पर जानकारी लेते हुए विभागीय समीक्षा की। उन्होंने कहा-मंदी के दौर में गोठान, रीपा, गोधन न्याय योजना से दुनिया को राह दिखा सकता है हमारा प्रदेश। इस दौरान  बघेल ने कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग और ग्रामोद्योग विभाग की समीक्षा भी की। कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि गर्मी में धान की फसल के लिए बांधों से पानी नहीं देना चाहिए ताकि जुलाई के समय के लिए पानी बांधों में बना रहे। गर्मी के सीजन में दलहन-तिलहन को प्रोत्साहित किया जाए। 

न्होंने धान के अलावा दूसरी फसलों में भी वर्मी कम्पोस्ट के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने को कहा। उन्होंने कहा कि राज्य में किसानों को वर्मी कम्पोस्ट उपलब्ध कराते रहें और वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग के लिए किसानों को प्रेरित करें। इससे कृषि के लिए रासायनिक खाद पर निर्भरता खत्म होगी और जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। 

बड़े आश्रित गांवों में भी गोठान का निर्माण हो

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि गोठान निर्माण को लेकर सीएम ने कहा कि बड़े आश्रित गांवों में भी गोठान का निर्माण होना चाहिए। गोठान समितियों को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि बहुत से किसानों ने लोन लिया है लेकिन उन किसानों को वर्मी कम्पोस्ट नहीं मिला है। ऐसे किसानों के पास वर्मी कम्पोस्ट पहुंचना सुनिश्चित किया जाए।  

ग्रामीण उत्पादों को बाजार मुहैया कराना जरूरी, सी-मॉर्ट से हो चुकी 20 करोड़ से अधिक की बिक्री

सीएम बघेल ने ग्रामोद्योग विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ग्रामीण उत्पादों को प्रोत्साहित करना और उन्हें बाजार मुहैया कराना जरूरी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सी-मार्ट (छत्तीसगढ़-मार्ट) की शुरुआत की है। सी-मार्ट के माध्यम से ग्रामीण उत्पादों को एक छत के नीचे बाजार मुहैया कराया जा रहा है जहां एक हजार से अधिक तरह के ग्रामीण उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। कम समय में ही सी-मार्ट के माध्यम से 20 करोड़ रुपये से अधिक के उत्पादों की खरीदी बिक्री हो चुकी है। 

दूसरे राज्यों को भी दें हमारा माल

सीएम ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिन उत्पादों की ज्यादा मांग हो, उसके उत्पादन के लिए कार्ययोजना तैयार करें। ऐसे उत्पाद जिनकी मांग दूसरे शहरों से लेकर दूसरे राज्यों से भी है, उनकी उपलब्धता वहां भी सुनिश्चित होना चाहिए। 

 

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