अक्टूबर-नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव होना सुनिश्चित है। इसके मद्देनजर हर छोटे-बड़े दल ने अभी से मैदानी तैयारी शुरूकर दी है, चाहे वह भाकपा हो, आप हो, कांग्रेस हो या भाजपा हो। सत्तारूढ़ दल के सीएम भूपेश बघेल भेंट मुलाकात के बहाने प्रदेश का दौरा कर जनता मन टटोल रहे हैं और उन्हें सफलता मिलती दिख भी रही है।
चुनाव के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस दल ने अपनी कोशिशें तेज कर दी है, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भी बीजापुर और कोंटा में सक्रिय हो चुकी है। मनीष कुंजाम के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन में आदिवासियों की समस्याएं गिनाई और बताई जा रही है। भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका बीजापुर जिला अनेक समस्याओं से ग्रसित है, जिसके लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी चुनाव से एक वर्ष पहले ही सक्रिय हो चुकी है। मात्र 10 साल की उम्र वाली आम आदमी पार्टी भी छत्तीसगढ़ में सक्रिय है। यह पार्टी छत्तीसगढ़ की जनता की मूल समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलनरत है।
भेंट मुलाकात से जनता मन टटोल रहे सीएम
इधर सत्तारूढ़ दल के सीएम भूपेश बघेल भेंट मुलाकात के बहाने प्रदेश का दौरा कर जनता मन टटोल रहे हैं। कांग्रेस पार्टी की मंशा के अनुरूप तैयार की गई योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा कर रहे हैं, साथ ही साथ क्षेत्र का विकास कैसे हो, इस विषय पर भी आम जनता की राय ले रहे हैं।
किंकर्तव्यविमूढ़ भाजपा बैठकों में मस्त
प्रदेश भाजपा ठीक इसके विपरीत 15 सालों तक सत्तासुख भोगने के बाद भी वर्तमान में बैठक-बैठक का खेल खेल रही है। कभी राष्ट्रीय स्तर की बैठक कभी प्रादेशिक स्तर की बैठक या फिर जिला और मंडल स्तर की बैठक। दूसरी ओर जनता इस इंतजार में है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा कब उनकी समस्याओं के लिए सामने आएगी, कब ग्रामीणों के मुद्दों को उठाएगी, कब मंडल और जिला स्तर की मूल समस्याओं की ओर शासन का ध्यान आकर्षित करेगी, कब प्रदेश भाजपा की बैठकों का दौर समाप्त होंगे।
पुराने चेहरे कार्यकर्ताओं को पसंद नहीं
छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा स्वयं ही समस्याओं से जूझ रही है। भाजपा में गुटबाजी हावी है, कार्यकर्ता 15 साल तक सत्तासुख भोगने वाले नेताओं का चेहरा देखना पसंद नहीं कर रहे हैं। संगठन में तो कुछ फेरबदल हुए हैं लेकिन अभी तक अंतिम स्वरुप सामने नहीं आया है। कार्यकर्ताओं का मानना है कि केवल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बदलने से भाजपा को राहत नहीं मिलने वाली है, आम कार्यकर्ताओं की मंशा के अनुरूप प्रदेश संगठन और जिला स्तर में फेरबदल की सख्त आवश्यकता है।