चार महीने बाद दिखाई दी सूरज की रोशनी

by sadmin

अंटार्कटिका । अगस्‍त के शुरुआती महीने में कॉनकोर्डिया रिसर्च स्‍टेशन के 12 सदस्‍यों वाले क्रू की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, जब उन्‍होंने चार महीने बाद सूरज की रोशनी देखी। आखिरकार अंटार्कटिका में चार महीने बाद सर्दियां खत्‍म हुईं और मौसम बदला। सूरज का निकलना वैज्ञानिकों के लिए कई मायनों में महत्‍वपूर्ण है। इस साल मई में यहां सूरज अस्‍त हुआ था और इसके दोबारा उगने का वैज्ञानिक बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। अंटार्कटिका एकदम दक्षिण में है और यहां पर सूरज का निकला एक बड़ी घटना माना जाता है। यूरोपियन स्‍पेस एजेंसी की तरफ से एक ब्‍लॉग लिखकर और फोटोग्राफ शेयर कर इसकी जानकारी दी गई है। अंतरिक्ष एजेंसी की तरफ से भेजे गए डॉक्‍टर हेंस हैगसन ने स्‍टेशन के मेन डोर से इस खूबसूरत नजारे की फोटोग्राफ शेयर की है। 5 अगस्‍त को यहां पर सूरज निकला था और हैगसन ने तभी फोटोग्राफ क्लिक की। उन्‍होंने लिखा, ‘यहां पर समय बड़ा अजीब है और ये तेजी से गुजरता है और इसी समय वो काफी धीमा भी हो जाता है।’ उन्‍होंने आगे लिखा, ‘सिर्फ दो दिनों के अंदर हम उम्‍मीद कर रहे थे कि दक्षिण में सूरज निकलने वाला है। सुबह की रोशनी की वापसी ने निश्चित तौर पर हमें मुस्‍कुराने की एक वजह दी है और अब इस एडवेंचर का आखिरी दौर शुरू होने वाला है।’
अंटार्कटिका में सर्दियां बहुत ही सख्‍त होती हैं और तापमान-80 डिग्री से भी नीचे चला जाता है।रोशनी बिल्‍कुल नहीं होती है और एकदम अंधेरा किसी को भी दहशत में लाने के लिए काफी है। सर्दियों में खुद को बिजी रखने के लिए क्रू को काफी मेहन त करनी पड़ती है। जून में मिड विंटर नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन होता है तो जुलाई में विंटर गेम्‍स होते हैं। अंटार्कटिका में जितने भी स्‍टेशंस हैं उसके क्रू कई गेम्‍स और फ्रेंडली कॉम्‍पटीशंस में हिस्‍सा लेते हैं। अगस्‍त में सूरज का निकलना कई मायनों में खास है। अब यहां पर वैज्ञानिक कई तरह की रिसर्च कर सकते हैं। साथ ही यहां एक फिल्‍म फेस्टिवल का आयोजन भी होना है। जो रिसर्च होनी हैं वो खासतौर पर बायोमेडिकल से जुड़ी हैं।

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