नई दिल्ली । इस बार रिकार्ड तोड़ 48 महिलाएं विधानसभा पहुंची हैं। यह संख्या पिछले चुनाव से ज्यादा है। 2017 में 42 महिला प्रत्याशी चुनाव जीती थीं लेकिन बाद के उपचुनावों में दो महिलाएं जीती थीं। सत्रहवीं विधानसभा में कुल 44 महिला विधायक थीं। कांग्रेस ने ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ का नारा भले ही दिया हो लेकिन इस बार उनकी एक ही महिला विधायक पार्टी का प्रतिनिधित्व करेगी। कांग्रेस ने अपने वायदे के मुताबिक 159 सीटें महिलाओं को दी थीं लेकिन केवल रामपुर खास से आराधना मिश्र मोना ही विधानसभा पहुंच पाई हैं। भाजपा समेत उनके सहयोगी दलों ने चार दर्जन से ज्यादा सीटें दी थीं और उनके 33 महिला प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। सपा व उसके सहयोगी दलों ने चार दर्जन से थोड़ा कम सीटें महिलाओं को दी और उसकी 14 महिला प्रत्याशी विधायक बनी हैं। बसपा ने सबसे कम तीन दर्जन सीटें ही महिलाओं को दी थीं लेकिन उनकी कोई भी महिला प्रत्याशी नहीं जीती है। इस बार सबसे आश्चर्यजनक जीत सिराथू से अपना दल कमेरावादी की पल्लवी पटेल की रही। उन्होंने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को हराया है। वहीं मटेरा से सपा नेता यासर अली शाह की पत्नी मारिया अली शाह ने चुनाव जीता है। कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुई अदिति सिंह ने भी रायबरेली से जीत दर्ज की है। रामपुर खास ने कांग्रेस की एकमात्र महिला प्रत्याशी आराधना मिश्र मोना ने जीत दर्ज की है। बिधूना से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धनीराम वर्मा की बहु रेखा वर्मा ने सपा से जीत दर्ज की है उन्होंने भाजपा विधायक विनय शाक्य की पुत्री रिया शाक्य को हराया है। आगरा ग्रामीण से बेबी रानी मौर्या, बाह से रानी पक्षालिका सिंह ने जीत दर्ज की है।
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