पटना । बिहार में शराबबंदी है और इसके पालन को लेकर नीतीश सरकार का कड़ा रूख है। राज्य के अंदर शराब को लेकर ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद सरकार अब राज्य की सीमाओं से शराब की आमद को रोकने की कवायद में जुट गई है। मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग अब उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल तथा नेपाल की सीमाओं से शराब की तस्करी रोकने पर विचार कर रही है। इसके तहत सीमाओं पर ‘स्कैन टनल’ लगाने की योजना बनाई जा रही है। मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य में पांच स्थानों पर स्कैन टनल लगाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए फिलहाल डोभी और रजौली (झारखंड सीमा), दालकोला (पश्चिम बंगाल सीमा) तथा गोपालगंज और भभुआ (उत्तर प्रदेश सीमा) पर स्कैन टनल लगाए जाने की योजना बनाई गई है।
उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों से आने वाले ट्रकों को टनल से होकर गुजारा जाएगा। ट्रक में लदे सामानों की फोटो वहां लगे मॉनिटर पर आ जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक यह टनल हाईटेक कैमरों और आधुनिक तकनीक से सुसज्जित होगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद विशेषज्ञों की टीम ली गई तस्वीरों का आकलन करेगी। फिलहाल, दूसरे राज्यों से आने वाले मालवाहक ट्रकों को संदेह के आधार पर रोककर उसपर लदे सामानों को पहले उतारा जाता है और तब फिर उसकी जांच की जाती है। इसमें अधिकारियों से लेकर ट्रक चालकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इससे बहुत कम ट्रकों की जांच भी हो पाती है।
उत्पाद विभाग के अधिकारी कहते हैं कि फिलहाल इस तकनीक की जानकारी और संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सब कुछ सही रहा तो जल्द ही स्कैन टनल लगाने के प्रस्ताव को बढाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पांच टनल लगाने में 100 करोड रुपये खर्च होने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने राज्य में विधि व्यवस्था की समीक्षा बैठक में उत्पाद विभाग के अधिकारियों को शराब के अवैध कारोबार को रोकने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने तक के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि शराबबंदी वाले बिहार राज्य के गोपालगंज, बक्सर, सारण, नालंदा और पश्चिम चंपारण जिले में पिछले चार महीने में 60 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई है। सरकार का मानना है कि बिहार में अन्य राज्यों से शराब की तस्करी की जा रही है।
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