इस्लामाबाद । बलूचिस्तान में विद्रोहियों के लगातार बढ़ते हमलों के आगे पाकिस्तानी सेना के हौसले पस्त हो चुके हैं। पाक सैनिकों में इतनी निराशा और डर पैदा हो गया है कि प्रधानमंत्री इमरान खान को उनकी हौसला अफजाई के लिए सैलरी बढ़ाने की घोषणा करनी पड़ी है। पाकिस्तीनी सेना के हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चीन से लौटने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री इमरान खान सीधे बलूचिस्तान के नौशकी पहुंचे।
इस अवसर पर पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा भी उनके साथ मौजूद थे। पिछले हफ्ते नौशकी में हुए विद्रोहियों के हमले में फ्रंटियर कॉर्प्स के एक अधिकारी सहित चार सैनिकों की मौत हुई थी। इमरान खान ने नौशकी में फ्रंटियर कॉर्प्स और पाक रेंजर्स कर्मियों के वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है। अपने भाषण की शुरुआत में उन्होंने पाक सेना की शान में जमकर कसीदे पढ़े। उन्होंने मारे गए सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी खूब तारीफ की। इमरान ने बलूचिस्तान में डरे हुए पाकिस्तानी सैनिकों को लोगों की जान बचाने वाला नायक तक करार दिया। उन्होंने डींगे हांकते हुए कहा कि मैं आज नौशकी में हूं ताकि पाक सेना के जवानों को यह संदेश दिया जा सके कि पूरा देश उनके साथ खड़ा है।
उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान के सशस्त्र बलों के प्रदर्शन की खूब तारीफ की। इमरान ने कहा पाक सैनिकों ने जिस तरह युद्ध लड़ा और चुनौतीपूर्ण समय में देश की रक्षा की वह बेजोड़ था। इमरान खान यहीं पर नहीं रुके, उन्होंने यहां तक दावा किया कि दुनिया में कहीं भी और कोई भी सेना पाकिस्तान के सशस्त्र बलों की क्षमता की बराबरी नहीं कर सकती। इस दौरान इमरान ने कहा राष्ट्र अब आश्वस्त है कि पाकिस्तान में आतंकवाद नहीं पनप सकता। इमरान खान ने पाकिस्तानी सशस्त्र बलों की सैलरी बढ़ाते हुए देश की कंगाली का रोना भी रोया। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया वर्तमान में मुद्रास्फीति के तूफान से जूझ रही है। यहां तक कि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित राष्ट्र, जिनके पास पाकिस्तान से अधिक संसाधन हैं, वे भी पिछले कई साल में सबसे अधिक मुद्रास्फीति देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि सैलरी पाने वाले लोग कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम आर्थिक स्थिति में सुधार करना चाहते हैं ताकि हम लोगों की सैलरी और बढ़ा सकें।
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