चेन्नई | ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन (जीसीसी) ने शनिवार को द्रमुक के तिरुवोट्टियूर विधायक केपी. शंकर ने बुधवार को निगम के एक सहायक अभियंता को कथित तौर पर पीटा था और एक सड़क पर तारकोल का काम रोक दिया था। जीसीसी अधिकारियों ने आईएएनएस से कहा कि वे सहायक अभियंता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निगम के मुख्यालय में उनकी नियुक्ति करेंगे।
द्रमुक ने केपी. शंकर को तिरुवोट्टियूर के पश्चिमी जिला सचिव के रूप में नियुक्त करने के बाद पार्टी के आयोजन सचिव और जल कार्य मंत्री, एस दुरईमुरुगन ने एक जांच की और विधायक के खिलाफ रिपोर्ट की।
विधायक व उनके साथियों ने बुधवार तड़के 1.30 बजे सहायक अभियंता, ठेकेदार व उनके कर्मचारियों के साथ मारपीट की थी।
विधायक ने मीडिया को बताया था कि ठेकेदार द्वारा बिना सड़क की मिलिंग किए सड़क बिछाए जाने के कारण उन्होंने काम रोक दिया था। उन्होंने इस आरोप से भी इनकार किया था कि उन्होंने इंजीनियर और ठेकेदार के साथ मारपीट की थी।
हालांकि, जीसीसी के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि विधायक ने इंजीनियर से कहा था कि वह कथित तौर पर सड़क के काम का कमीशन तय करने के लिए काम शुरू होने से पहले ठेकेदार से मिलने के लिए बोले।
अन्नाद्रमुक नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने घटना की निंदा की थी और द्रमुक नेताओं पर कानून अपने हाथ में लेने का आरोप लगाया था। उन्होंने पुलिस से इंजीनियर और ठेकेदार के साथ मारपीट करने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी।
पीएमके नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबुमणि रामदास ने भी सरकार से उस विधायक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आह्वान किया, जिसने कथित तौर पर ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन के इंजीनियर के साथ मारपीट की थी और सड़क बिछाने के काम में बाधा उत्पन्न की थी।