बेंगलुरु | कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बुधवार को बेंगलुरु स्थित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) के निजीकरण के मुद्दे पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इसके अलावा, बीईएमएल को भी नोटिस भेजा जा चुका है। मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बीईएमएल कर्मचारी संघ के महासचिव एन. रुद्रैया द्वारा निजीकरण पर सवाल उठाने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद मंगलवार को नोटिस जारी किया।
याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील प्रो. एन. रवि वर्मा कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार का अपने एक प्रमुख रक्षा क्षेत्र के उद्योग का निजीकरण करने का निर्णय उचित नहीं है।
उन्होंने कहा, इसके बावजूद निजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बोलीदाताओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया चल रही थी। इस संबंध में एक ज्ञापन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपा गया है।
वकील ने अनुरोध किया, चूंकि यह केंद्र सरकार के स्वामित्व वाला रक्षा क्षेत्र का उद्योग है, इसलिए इसका निजीकरण नहीं किया जाना चाहिए। अदालत को निजीकरण प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगानी चाहिए। अन्यथा, अदालत को कम से कम एक आदेश जारी करना चाहिए जिसमें कहा गया है कि बीईएमएल के निजीकरण के संबंध में लिया गया कोई भी निर्णय अदालत के अंतिम आदेश के अधीन होना चाहिए।
याचिकाकर्ता के वकील की मांगों पर प्रतिक्रिया देते हुए पीठ ने कहा कि पक्षों को नोटिस जारी किया जाए, एक बार जब वे अदालत के समक्ष अपनी बात पूरी कर लेते हैं, तो अंतरिम स्थगन का मुद्दा उठाया जा सकता है।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई 10 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी है।