सिनेमा हॉल, वाटर पार्क, जिम और शॉपिंग मॉल्स में अभी भी उमड़ रही है भारी भीड़
राजनांदगांव। हिन्दू युवा मंच जिला इकाई ने कोरोना प्रोटोकॉल गाईड लाईन्स का पालन न करने की शिकायत एक ज्ञापन के माध्यम से कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा से की है। हिन्दू युवा मंच ने अपनी शिकायत में कहा है कि, राज्य सरकार के निर्देशानुसार सिनेमा घर, वाटर पार्क, जिम और शॉपिंग मॉल में एक तिहाई सँख्या के साथ अपनी गतिविधियों के संचालन की अनुमति दी गई है। बावजूद उक्त स्थलों में सँख्या में कोई अंतर नही हुआ है, बल्कि पुराने ढ़र्रे पर ही उक्त गतिविधियाँ संचालित हो रही है, जिस पर निगरानी रखने और जांच करने नोडल अधिकारी नियुक्त करने की मांग की गई है।
उक्ताशय की जानकारी देते हुए हिन्दू युवा मंच के जिलाध्यक्ष किशोर माहेश्वरी, शहर अध्यक्ष सुरेश लोहमार और शहर संयोजक राजा ताम्रकार ने बताया कि, प्रदेश में तीसरी लहर के आने के संकेत मिल चुके हैं। राजनांदगांव जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अब तो ओमिक्राम ने भी छत्तीसगढ़ में अपनी दस्तक दे दी है। बिलासपुर में पहले ओमिक्रोम संक्रमित मरीज मिलने की पुष्टि भी हो चुकी है। अगर हम अभी भी नहीं संहले तो जिलेवासियों को इस लापरवाही की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। राज्य सरकार द्वारा जारी गाईड लाईन्स के अनुसार सिनेमा हॉल, स्विमिंग पुल, वाटर पार्क, शॉपिंग मॉल, जिम आदि में एक तिहाई एक तिहाई संख्या के शर्त के साथ खोलने अथवा संचालित करने की छूट मिली हुई है, लेकिन इस बात की पुष्टी कौन करेगा कि, संख्या एक तिहाई है। क्या जिला प्रशासन ने इसके लिए कोई नोडल अधिकारी या जांच अधिकारी नियुक्त किया है? जो इन सभी गतिविधियों पर नज़र रख सकें या निगरानी कर सके। ऐसे में फिर बड़ा सवाल यह है कि, सिनेमा हॉल, स्विमिंग पुल, वाटर पार्क, जिम इत्यादि में जाने वालों की संख्या एक तिहाई ही है, यह संख्या निर्धारित कैसे होगी या कौन करेगा?
सूत्रों की माने तो कोरोना की भयावह स्थिति को जान लेने के बाद भी आज भी सिनेमा घरों और वाटर पार्क में भारी भीड़ देखी जा रही है। जिम और शॉपिंग मॉल की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है। उपरोक्त सभी गतिविधियों की निगरानी के लिए यदि अभी से कोई नोडल अधिकारी या जाँच अधिकारी नियुक्त नहीं किया गया तो कोरोना के बढ़ते मामलों का जिम्मेदार कौन होगा? सिनेमा हॉल, स्विमिंग पुल, वाटर पार्क, जिम, शॉपिंग मॉल संचालक या फिर जिला प्रशासन? अगर अभी से इन गतिविधियों पर पैनी नजर नहीं रखी गई तो एक बहुत बड़ा नुकसान जिलेवासियों को उठाना पड़ सकता है। हमारी उपरोक्त शिकायत के बाद भी अगर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया और लापरवाही इसी प्रकार बदस्तूर जारी रही तो जिलेवासियों को कोरोना की भीषण मार झेलनी पड़ सकती है। वहीं इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ जिला प्रशासन की होगी।
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