कानपुर. डेंगू के साथ जीका के संक्रमण के फैलाव से आशंकित कानपुर स्वास्थ्य विभाग मच्छरों से बचाव के तरीके खोजने में जुट गया। कीट विज्ञान विशेषज्ञों की टीमें मच्छरों के मिजाज के बारे में पता कर रही हैं। इससे मच्छरों से बचाव की रणनीति बनाई जाएगी।
शोधों से खुलासा हुआ है कि ड्रिंक करने के बाद शरीर से जैसे ही अल्कोहल (इथेनॉल) की महक आती है, मादा एडीज एजिप्टाई मच्छर खून पीने की लिए लपक उठती है। इसी तरह के बिंदुओं के अध्ययन पर लोगों को मच्छरों से बचने की सलाह दी जा रही है।
एडीज एजिप्टाई मच्छर ही डेंगू, जीका, यलो फीवर और जापानी इंसेफ्लाइटिस सरीखे रोग फैलाता है। मादा मच्छर ही खून चूसने के चक्कर में रोग दे देती है। जीका संक्रमण गर्भवती महिलाओं और गर्भस्थ शिशुओं के लिए अधिक खतरनाक माना जा रहा है। इससे अमेरिकी और विश्व की दूसरी एजेंसियों के शोध से इस संबंध में तथ्य जुटाए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भवती महिलाओं के शरीर से कार्बन डाई आक्साइड अधिक निकलती है। इससे मच्छर काटने के लिए आकर्षित होते हैं। इसी वजह से मोटापा ग्रस्त व्यक्ति को भी मच्छर अधिक काटते हैं।शोधों के मुताबिक पसीने की गंध से भी मच्छर काटने के लिए आकर्षित होते हैं।
पसीने से लैक्टिक एसिड, यूरिक एसिड, अमोनिया जैसे तत्व होते हैं। इनकी गंध मच्छरों तक पहुंच जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों को अधिक पसीना आता है, उन्हें मच्छर ज्यादा काटते हैं। वैसे मच्छर काटते तो सभी को हैं लेकिन ए ब्लड ग्रुप को कम और ओ ब्लड ग्रुप वाले को अधिक काटते हैं।
ऐसे लोगों को अधिक एहतियात बरतना चाहिए। अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. जीके मिश्रा का कहना है कि जीका नई बीमारी है, इस संबंध में विस्तृत अध्ययन किया जा रहा है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर की गाइडलाइन पर ही काम हो रहा है।
इसलिए खून पीते मादा मच्छर
खून पीने से मादा मच्छर को प्रोटीन मिलता है। इससे अंडे देने के लिए उसे ऊर्जा मिलती है। नर मच्छर खून नहीं पीते। वे फूलों और घास आदि से भोजन प्राप्त कर लेते हैं।
ओ पॉजिटिव को अधिक काटते
ओ पॉजिटिव ब्लड ग्रुप एच एंटीजन होता है। यह मच्छर को अधिक भाता है। ए और बी एंटीजन उसे उतने अच्छे नहीं लगते। एंटीजन एक प्रकार का प्रोटीन होता है। यह एंटीजन लाल रक्त कणिकाओं की सतह पर होते हैं।