​​​​​​​असाक्षरों की प्रवेशिका पाठ्यक्रम में व्यवहारिक गतिविधि हो शामिल

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राज्य स्तरीय प्रवेशिका निर्माण के तृतीय चरण कार्यशाला सम्पन्न

रायपुर.  राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक राजेश सिंह राणा ने कहा है कि असाक्षरों के लिए प्रवेश का निर्माण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की व्यवहारिक शिक्षा पर विस्तृत चर्चा कर उनकी आवश्यकताओं और दिनचर्या में उपयोगी चीजों को शामिल करें। इसमें व्यवहारिक कौशल और नवीनतम तकनीक की व्यापकता को ध्यान में रखकर वित्तीय संबंधी डिजिटल लेन-देन और बैंक से संबंधित प्रक्रिया को भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रवेशिका इस प्रकार तैयार की जाए, जिसे असाक्षर पढ़ने में रूचि लें। श्री राणा आज यहां एससीईआरटी में असाक्षरों के लिए तैयार की जाने वाली राज्य स्तरीय प्रवेशिका निर्माण के लिए आयोजित कार्यशाला के समापन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। राज्य स्तरीय कार्यशाला में राज्य भर के विशेष दक्षता रखने वाले लेखकों के समूह शामिल था।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रौढ़ शिक्षा शामिल है इस कार्यक्रम के लिए राज्य को प्रवेशिका तैयार कर एनसीईआरटी को देना है। जिसके लिए राज्य में प्रवेशिका निर्माण समूह तैयार कर एससीईआरटी में कार्य संपादन कराया जा रहा है। इस कार्यशाला में राज्य भर के पाँचो संभागों के परिवेश के आधार पर पाठ्यक्रम में बनाते हुए एकरूपता ला रहे हैं।
एससीईआरटी के डॉ. योगेश शिवहरे ने कहा कि प्रवेशिका का पाठ्यक्रम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप होना चाहिए। इसमें बुनियादी शिक्षा, संस्कृति, भाषा, परंपरा आदि को जोड़ते हुए राज्य की पाठ्यचर्या तैयार हो। डॉ. मंजीत कौर बल ने कहा कि लेखकों के समूह के साथ पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रवेशिका में ऐसे शब्दों को जोड़ा जाए जो उनके रोजमर्रा में शामिल हो। राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक प्रशांत कुमार पाण्डेय ने प्रवेशिका निर्माण के रूपरेखा प्रस्तुत की। लेखकों का प्रवेशिका निर्माण के लिए चार नदियों महानदी, अरपा, इंद्रावती और शिवनाथ के नाम पर विभाजन किया गया। इस कार्यशाला में लेखकों के द्वारा पिछले कार्यशाला में बनाये गए पाठों को विशेषज्ञ ने देखा और उस पर सुधारात्मक विचार प्रस्तुत कर सुधार करते हुए अंतिम रूप दिया जा रहा है।
प्रवेशिका निर्माण कार्यशाला में ज्योति चक्रवर्ती, डॉ. मनीषा वत्स, सुधा वर्मा, विकास भदौरिया, उमेश कुमार जायसवाल, डॉ. कामिनी बावनकर, रविन्द्र यादव, धारा यादव, सरगुजा से प्रतिभागी पुष्पा सिंह, सूरजपुर से प्रतिभागी सीमांचल त्रिपाठी, कृष्ण कुमार धु्रव, दंतेवाड़ा से मुकेश रैकवार, जशपुर से उषा किरण तिर्की, महासमुंद से दुर्गा सिन्हा, दुर्ग से सुमन श्रीवास्तव, मोहित कुमार शर्मा, राजनांदगांव से बबिता गिरी, बस्तर से अमित अवस्थी, रायपुर से कामिनी बावनकर के साथ राज्य स्तरीय प्रवेशिका निर्माण कार्यशाला के समन्वयक निधि अग्रवाल, नेहा शुक्ला, कविता लिखार शामिल थे।

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