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बिलासपुर। कानन पेंडारी जू की घायल बाघिन स्वस्थ तो हो रही है। पर इसे लेकर अवलोकन टीम यह निर्णय नहीं ले सकी है कि इसे जंगल में छोड़ना है या फिर जू में रखना है। दो बार निरीक्षण के बाद अब तो अवलोकन टीम भी जायजा लेने के लिए नहीं पहुंच रही है।बाघिन को कानन के रेस्क्यू सेंटर में रखे करीब तीन से चार महीने गुजर गए। उपचार और विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सुझावों के अनुरूप केज में बदलाव भी कर दिया गया है। इसका प्रभाव भी पड़ा। पहले से बाघिन स्वस्थ है। हालांकि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के निर्देशन में अवलोकन टीम को समय- समय पर निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करनी है। पर एक महीना से अवलोकन टीम के एक भी सदस्य की यहां उपस्थिति नहीं हुई और न किसी ने हाल जाना।