रायपुर| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीडीएस घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर चल रही जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर बघेल सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ईडी ने कहा है कि इस घोटाले की जांच में सामने आया है कि सीएम भूपेश बघेल, स्पेशल टास्क फोर्स के सदस्यों और एक बड़े कानून अधिकारी ने इस घोटाले में नाम आने वाले दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के खिलाफ केस को कमजोर किया है।
ईडी ने दो आईएएस अधिकारियों को दी गई अग्रिम जमानत को रद्द करने की मांग करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट इस बात पर विचार करने में विफल रहा कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और आर्थिक अपराध शाखा ने राज्य सार्वजनिक वितरण निगम, रायपुर में छापेमारी के बाद तीन करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की थी।
हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली ईडी कहा कि आयकर विभाग ने जब्त किए गए मोबाइल फोन में मिले संदेश वार्तालापों को चौंकाने वाला करार दिया था जिसमें मुख्य आरोपी अनिल कुमार टुटेजा और आलोक शुक्ला की बातचीत थी। ईडी ने कहा कि इस मामले में अभियोजन एजेंसी के प्रमुखों ईओडब्ल्यू-एसीबी, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में एक बहुत वरिष्ठ कानून अधिकारी, एसआईटी के सदस्यों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के साथ दोनों अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप को कमजोर किया।करोड़ों रुपये के सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) घोटाले में आईएएस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप है। ईडी के जवाब के बाद विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने भूपेश बघेल की सरकार पर चौतरफा हमला बोला है।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी पत्र लिख कर जिस पीडीएस घोटाले की सीबीआई जांच और आरोपी अधिकारियों को गिरफ्तार करने की मांग करते थे, आज वही भूपेश बघेल उन्हें बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।
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