दुर्ग। दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग के अंतर्गत अंजोरा स्थित पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय में वेटनरी कांउसिल ऑफ इंडिया की त्रिसदस्यीय टीम ने द्वितीय दिवस में महाविद्यालय के टी.व्ही.सी.सी., वेटनरी मेडीसीन, वेटनरी गायनेकोलॉजी, वेटनरी सर्जरी एवं रेडियोलॉजी, विश्वविद्यालय पुस्तकालय, लेबोरेटोरी एनिमल हाउस, पोस्टमार्टम कक्ष, डेयरी फार्म, पोल्ट्री फार्म, सूअर इकाई, बकरी इकाई, चारा इकाई, छात्रावास आदि विभागो का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दल के साथ महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ.एस.के.तिवारी, निदेशक शिक्षण डॉ.एस.पी.इंगोले, डॉ.आर.पी.तिवारी विभागाध्यक्ष एवं निदेशक, वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ.सुशोवन रॉय, डॉ.संजय शाक्य, डॉ.दिलीप चौधरी, डॉ.ओ.पी.दीनानी, डॉ.ओसामा कलीम, डॉ.शिवेश देशमुख, डॉ.शब्बीर अनंत उपस्थित थे।
इस निरीक्षण दल के अध्यक्ष डॉ.एस.टी.सेल्वन, अधिष्ठाता, कुक्कुट पालन एवं प्रबंधन महाविद्यालय, होसुर, तमिलनाडु, टीम के सदस्य डॉ.जी.आर.के. शर्मा, विश्वविद्यालय प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, पशु विस्तार विभाग, तिरूपति एवं डॉ. रणधीर सिंह सह-प्राध्यापक शल्य चिकित्सा एवं विकिरण विभाग, नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विश्वविद्यालय, जबलपुर है। निरीक्षण दल के अध्यक्ष डॉ.एस.टी.सेल्वन एवं अन्य सदस्यों ने विश्वविद्यालय पुस्तकालय में उपलब्ध संसाधनों एवं पाठको को दी जाने वाली अत्याधुनिक सुविधाओं की सराहना की। निरीक्षण दल ने महाविद्यालय में उपलब्ध संसाधनों एवं उपलब्धियों पर संतोष व्यक्त किया। वेटनरी कांउसिल ऑफ इंडिया जो कि भारत सरकार के मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत एक संवैधानिक संस्था है, भारत में संचालित पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालयो में वेटनरी कांउसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित मापदण्डो का वेटनरी एजुकेशन की गुणवत्ता को बनाए रखने हेतु निरीक्षण कर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करती है। निरीक्षण समिति के टीप एवं अनुशंसा के आधार पर भारतीय पशुचिकित्सा परिषद, नई दिल्ली, पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय को आगामी वर्षो के लिए मान्यता प्रदान करेगी।
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