गुंटूर| आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक मूर्ति बनाई गई है। यह मूर्ति 14 फीट ऊंची है और लोहे के कबाड़ से बनी है। गुंटूर जिले के तेनाली कस्बे के रहने वाले पिता और पुत्र की एक जोड़ी ने यह कमाल किया है। अब चारो तरफ इस जोड़ी की तारीफ हो रही है। तेनाली कस्बे की ‘सूर्या शिल्प शाला के मालिक कटुरी वेंकटेश्वर राव और रविचंद्र ने मिलकर पुराने नट और बोल्ट के माध्यम से यह मूर्ति बनाई है।
सूया शिल्प शाला लोहे की बेकार पड़ी सामग्री यानी कबाड़ से मूर्तियां बनाने के लिए प्रसिद्ध है। यहां इससे पहले भी कई महापुरुषों की मूर्तियां कबाड़ से बनाई जा चुकी हैं, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है।
लोहे के कबाड़ से बनाई PM मोदी की 14 फीट ऊंची मूर्ति, पिता-पुत्र की जोड़ी का कमाल
आंध्र प्रदेश के कटुरी वेंकटेश्वर राव और रविचंद्र ने मिलकर पुराने नट और बोल्ट के माध्यम से PM मोदी की मूर्ति बनाई है।
लोहे के कबाड़ से बनाई PM मोदी की 14 फीट ऊंची मूर्ति, पिता-पुत्र की जोड़ी का कमाल
आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक मूर्ति बनाई गई है। यह मूर्ति 14 फीट ऊंची है और लोहे के कबाड़ से बनी है। गुंटूर जिले के तेनाली कस्बे के रहने वाले पिता और पुत्र की एक जोड़ी ने यह कमाल किया है। अब चारो तरफ इस जोड़ी की तारीफ हो रही है। तेनाली कस्बे की ‘सूर्या शिल्प शाला के मालिक कटुरी वेंकटेश्वर राव और रविचंद्र ने मिलकर पुराने नट और बोल्ट के माध्यम से यह मूर्ति बनाई है।
सूया शिल्प शाला लोहे की बेकार पड़ी सामग्री यानी कबाड़ से मूर्तियां बनाने के लिए प्रसिद्ध है। यहां इससे पहले भी कई महापुरुषों की मूर्तियां कबाड़ से बनाई जा चुकी हैं, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है।
12 सालों में 100 टन कबाड़ से बनाई मूर्तियां
प्रधानमंत्री मोदी की मूर्ति बनाने वाले कटुरी वेंकटेश्वर राव ने कहा कि लोहे के कबाड़ से मूर्तियां बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें पहचाना जाता है। उन्होंने बताया कि पिछले 12 सालों से उन्होंने लगभग 100 टन लोहे के कबाड़ का उपयोग करके कई कलात्मक मूर्तियां बनाई हैं। उन्होंने कहा “हाल ही में हमने 75,000 नट्स का उपयोग करके महात्मा गांधी की 10 फीट ऊंची मूर्ति तैयार की है, जो कि एक विश्व रिकॉर्ड है। इस मूर्ति को देखने के बाद बैंगलोर के एक संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मूर्ति बनाने के लिए हमसे संपर्क किया था।”
2 महीने तक 10-15 श्रमिकों की मेहनत लाई रंग
राव ने बताय कि पीएम मोदी की प्रतिमा को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार की अपशिष्ट सामग्री का उपयोग किया गया और लगभग दो महीने तक 10 से 15 श्रमिकों ने दिन-रात काम किया। वेंकटेश्वर राव एक दशक से अधिक समय से लोहे के स्क्रैप से मूर्तियां बना रहे हैं। उन्होंने सिंगापुर, मलेशिया और हांगकांग जैसे देशों में अपनी लोहे की स्क्रैप मूर्तियों का प्रदर्शन किया है। उन्होंने PM मोदी की मूर्ति लोहे के स्क्रैप से बनाई है। इस काम को देखने वाले लोग उनकी सराहना कर रहे हैं।
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