भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के कोक ओवन बैटरी-11 में कोक ड्राई कूलिंग प्लांट (सीडीसीपी) चैंबर नंबर-4 का 2 सितंबर 2021 को कैपिटल रिपेयर के बाद पुनः चालू किया गया। सेल-भिलाई स्टील प्लांट में 14 अक्टूबर 2014 को कोक ओवन बैटरी-11 को कोक ड्राई कूलिंग प्लांट (सीडीसीपी) के साथ चालू किया गया था। ज्ञात हो कि पहली बार, बड़ी मात्रा में ब्लास्ट फर्नेस-8 की आवश्यकता को पूरा करने हेतु कोक की गुणवत्ता में सुधार के लिए चार कक्षों के साथ सीडीसीपी की नई तकनीक को कोक उत्पादन की लाइन में पेश किया गया था। सीडीसीपी में, अक्रिय गैस को फिर से परिचालित करके कोक को ठंडा किया जाता है, जहां हीट एक्सचेंज होता है जिसका उपयोग सीडीसीपी के बॉयलर सेक्शन में भाप उत्पन्न करने के लिए किया जाता है और उत्पन्न भाप को विद्युत शक्ति में परिवर्तित करने के लिए बैक प्रेशर टर्बाइन जेनरेटर को फीड किया जाता है।
लगभग 7 वर्षों के लगातार परिचालन के बाद, 2 जून 2021 से सीडीसीपी, चैंबर नंबर-4 का कैपिटल रिपेयर कार्य प्रारम्भ किया गया था। कैपिटल रिपेयर 75 दिनों के नियोजित समय के भीतर 15 अगस्त 2021 को पूरी की गई। चैंबर को गर्म करने के बाद, इसकी कमीशनिंग 2 सितंबर 2021 को भिलाई स्टील प्लांट के निदेशक प्रभारी, अनिर्बान दासगुप्ता द्वारा किया गया। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (माइन्स) मानस विश्वास, कार्यपालक निदेशक (परियोजना) एके भट्टा, कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) अंजनी कुमार, सीजीएम इंचार्ज (सेवाएं) एस एन आबिदी, सीजीएम इंचार्ज (एम एंड यू) अरविंद कुमार, सीजीएम (सीओ एंड सीसीडी) जी अचुता राव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में जी अचुता राव, सीजीएम (सीओ एंड सीसीडी) ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
इस प्रकार के रिपेयर आम तौर पर रूसी पर्यवेक्षण के तहत निष्पादित की जाती है, परन्तु इस बार यह कार्य विभिन्न शाॅप्स के आंतरिक संसाधनों द्वारा पूर्ण किया गया। यह कार्य सीआरजी-रिफ्रेक्टरी, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल मेंटनेंस और संबंधित विभागों जैसे इंस्ट्रुमेंटेशन और पावर एंड ब्लोइंग स्टेशन द्वारा इनहाउस निष्पादित किया गया। सीजीएम (सीओ एंड सीसीडी) जी ए राव के नेतृत्व में कार्य को 75 दिनों के रिकॉर्ड समय के भीतर निष्पादित किया गया। इस कार्य में विभिन्न महत्वपूर्ण यांत्रिक और विद्युत उपकरणों के नवीनीकरण के साथ-साथ लगभग 1700 टन रिफ्रेक्टरी मटेरियल की हैंडलिंग शामिल थी। इसके साथ ही इसमें विभिन्न माॅडीफिकेशन को भी शामिल किया गया जिससे इसके संभावित जीवनकाल को 7 वर्ष से बढ़ाकर लगभग 9 से 10 वर्ष किया जा सके। इस रिपेयर हेतु कुल लगभग 5 करोड़ रूपये की लागत आयी है। इस दौरान पावर एवं ब्लोइंग स्टेशन विभाग द्वारा बॉयलर सेक्शन में स्क्रीन ट्यूब एवं इकॉनमाइजर को बदलने का कार्य भी किया गया।
निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता द्वारा इन उपलब्धियों, रणनीति और योजना निष्पादन की बेहद सराहना की गई। इस प्रकार की विशिष्ट मरम्मत के दौरान सुनिश्चित की गई सुरक्षा के लिए विशेष प्रशंसा की गई।