दक्षिणापथ. पिता के लिए बेटियां ‘परी’ से कम नहीं होती। तभी तो वे उनकी जिंदगी के खास लम्हों को इतना स्पेशल बना देते हैं कि वह यादें हमेशा उनके साथ रहती हैं। आंध्र प्रदेश में एक पिता ने ऐसा ही किया। तेलुगु परंपरा के अनुसार अषाढ़ एक पवित्र महीना है, जो नवविवाहित जोड़े के लिए बड़ा खास होता है। परंपरा के अनुसार इस महीने नवविवाहित बेटी को अपने माता-पिता से उपहार मिलते हैं, जिनमें मिठाईयों से लेकर साड़ियां व अन्य चीजें शामिल होती हैं। इसी परंपरा को निभाते हुए जब एक पिता ने अपनी नवविवाहित बेटी को तोहफों से भरा ट्रक भेजा तो पूरा शहर उन्हीं की बातें करने लगा।
क्या सब दिया बेटी को तोहफे में?
‘इंडिया टुडे’ की रिपोर्ट्स के मुताबिक, बतूला बलराम कृष्ण, राजमुंदरी के एक जाने-माने व्यापारी हैं। उन्होंने ‘अषाढ़ मासम’ की परंपरा को निभाते हुए अपनी बेटी के घर 1000 किलो मछली, 1000 किलो सब्जी, 250 किलो झींगा, 250 किलो किराना, 250 जार अचार, 250 किलो मिठाई, 50 मुर्गे और 10 बकरे का तोहफा भेजा। बता दें, उनकी बेटी पुडुचेरी के यनम में रहती है।
बेटी मना रही थी पहला ‘अषाढ़म’
हाल ही, बतूला बलराम कृष्ण की बेटी प्रत्युषा का विवाह यनम के रहने वाले एक मशहूर व्यापारी के बेटे पवन कुमार से हुआ था। यह कपल अपना पहला ‘अषाढ़म’ (अषाढ़ का महीना) सेलिब्रेट कर रहा था।
तोहफे देख ससुराल वाले हैरान!
बेटी का पहला ‘अषाढ़म’ था तो प्रत्युषा के पिता ने उसके लिए इस महीने को खास बनाने का फैसला किया। इसलिए उन्होंने ढेर सारे तोहफों से भरा एक ट्रक अपनी बेटी के ससुराल भेज दिया। जब गिफ्ट्स से लदा ट्रक वहां पहुंचता तो बेटी सहित ससुराल वाले सब हैरान रह गए!