महानदी के पानी पर पहले गांव गरीब और किसानों का हक़ – शशि पवार

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किसान के खेत सूखे, राजधानी और बीएसपी के लिये छोड़ा गया पानी

दक्षिणापथ, धमतरी । मानसून की बारिश समय पर न होने से क्षेत्र के अन्नदाताओं की स्थिति दुब्बर बर दु आषाढ़ जैसी हो गयी है। महानदी का पानी किसानों के लिये तुरंत नही छोड़ा गया तो कृषि कार्य बुरी तरह प्रभावित हो जायेगा। ऐसी विषम परिस्थितियों में जब कोरोना काल मे पहले ही गरीब मजदूर किसान की आजीविका पर विपरीत असर पड़ा है ऐसे में मानसून की दोहरी मार उस पर पड़ रही है। छग की गूंगी बहरी सरकार को किसान भाइयों की कोई चिंता नही है। सरकार भिलाई स्टील प्लांट को पानी दे रही है, राजधानी में पेय जल आपूर्ति के लिये भी महानदी से पानी छोड़ा गया है परंतु किसानों के लिये पानी छोड़ने के नाम पर सरकार बहाने बना रही है। भाजपा जिलाध्यक्ष ठाकुर शशि पवार ने जब इस संबंध में विभाग के उच्च अधिकारियों से बात की तो उनका कहना था कि किसानों के लिये पानी छोड़ने के लिए पहले जल उपभोक्ता समिति की बैठक आयोजित कर उनकी अनुशंसा लेना होगा उसके बाद ही सरकार द्वारा कृषि कार्य हेतु नदी का पानी छोड़ा जा सकेगा। इस कार्य मे जितना अधिक विलंब होगा किसानों को उतना भारी नुकसान होगा। भाजपा ने इस मुद्दे पर सड़क की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। आगामी 26 तारीख से विधानसभा का सत्र प्रारंभ हो रहा है इस सत्र में किसानों का मुद्दा हावी रहेगा। भाजपा किसान मोर्चा के बैनर पर प्रदेश भर में किसानों को खाद, बिजली और सिंचाई में हो रही समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन करेगी। जब तक इस प्रदेश का किसान दुखी है भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता चैन से नही बैठेगा। श्री पवार ने बताया कि केंद्र की सरकार ने देश भर के किसानों के लिये समर्थन मूल्य में वृद्धि की है। किसान सम्मान निधि प्रतिवर्ष 6000 रु किसानों के खाते में सीधे भेज रही है। डीएपी में 1200 रु की सब्सिडी दे रही है। मोदी जी लगातार किसानों की चिंता कर रहे हैं वहीं भुपेश बघेल को सरकार किसानों को उनके हक का पैसा किश्तों में उपलब्ध करा रही है। खाद बिजली पानी उपलब्ध कराने में बहानेबाजी कर रही है। छग की सरकार को इसका खामियाजा भुगतना होगा।

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