दक्षिणापथ। स्मरण शक्ति की कमजोरी या विकृति से विद्यार्थी और दिमागी काम करने वालों को असुविधाजनक स्थिति से रुबरु होना पडता है। यह कोई रोग नहीं है और न किसी रोग का लक्षण है। इसकी मुख्य वजह एकाग्रता(कन्संट्रेशन) की कमी होना है।
ये कुछ सरल उपचार है जिनसे स्मरण शक्ति बढती है –
बादाम 5 नग रात को पानी में गलाएं। सुबह छिलके उतारकर बारीक पीस कर पेस्ट बनालें। अब एक गिलास दूध गरम करें और उसमें बादाम का पेस्ट घोलें। भली प्रकार उबल जाने पर उतारकर मामूली गरम हालत में पीयें। इसमें 3 चम्मच शहद भी डालें। यह मिश्रण पीने के बाद दो घंटे तक कुछ न लें। यह स्मरण शक्ति वृद्दि करने का जबर्दस्त उपचार है। दो महीने तक करें।
एक सेवफ़ल नित्य खाने से कमजोर मेमोरी में लाभ होता है। भोजन से 10 मिनिट पहिले खाएं।
जिन फ़लों में फ़ास्फ़ोरस तत्व पर्यात मात्रा में पाया जाता है वे स्मरण शक्ति बढाने में विशेषतौर पर उपयोगी होते है। अंगूर, खारक, अंजीर एवं संतरा दिमागी ताकत बढाने के लिये नियमित उपयोग करना चाहिये।
धनिये का पावडर दो चम्मच शहद में मिलाकर लेने से स्मरण शक्ति बढती है।
आंवला का रस एक चम्मच 2 चम्मच शहद मे मिलाकर उपयोग करें।
अदरक, जीरा और मिश्री तीनों को पीसकर लेने से कम याददाश्त की स्थिति में लाभ होता है।
250 मिलि दूध (गाय का) और 2 चम्मच शहद मिलाकर पीने से भी याद दाश्त में बढोतरी होती है। विद्ध्यार्थियों के लिये फ़ायदेमंद उपचार है। तिल में स्मरण शक्ति वृद्दि करने के तत्व हैं। 20 ग्राम तिल और थोडा सा गुड का तिलकुट्टा बनाकर नित्य सेवन करना परम हितकार उपचार है।
काली मिर्च का पावडर एक चम्मच असली घी में मिलाकर उपयोग करने से याद दाश्त में इजाफ़ा होता है। आम रस (मेंगो जूस) मेमोरी बढाने में विशेष सहायक माना गया है। आम रस में 2 चम्मच शहद मिलाकर लेना उचित है।
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