कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने किया अंबेडकर नगर, भिलाई की आंगनबाड़ी का निरीक्षण, तेजी से कार्यान्वयन पर जताई खुशी
दक्षिणापथ, दुर्ग। प्रदेश भर में वजन त्योहार मनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत आंगनबाड़ी में आने वाले बच्चों का वजन एवं ऊंचाई ली जा रही है। आज कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे भी वजन त्यौहार के अंतर्गत चल रही गतिविधियों का निरीक्षण किया। कलेक्टर अंबेडकर नगर, भिलाई स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचे। यहां बच्चों के वजन और लंबाई लेने की प्रक्रिया चल रही थी। यहाँ उपस्थित जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन ने बताया कि जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों में लगभग 97 हजार बच्चे हैं इनमें 82 हजार से अधिक बच्चों का वजन लिया जा चुका है। शेष बच्चों का वजन शुक्रवार तक ले लिया जाएगा। वजन के साथ ही बच्चों की लंबाई भी ली जा रही है। इसके आधार पर बीएमआई इंडेक्स निकाला जा रहा है। इसके नतीजे तीन रेखाओं के आधार पर परखे जाते हैं। लाल, पीला और हरा। हरा रंग सुपोषण का प्रतीक है और लाल रंग गंभीर कुपोषण की स्थिति दिखाता है। पीला रंग मध्यम कुपोषण की स्थिति बताता है। कलेक्टर ने कहा कि जो बच्चे कुपोषित पाये गये हैं। उन्हें कुपोषण के दायरे में लाने के लिए कार्ययोजना बनाते हुए कार्य करें। हर बच्चे के पीछे मेहनत करें। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के नतीजे जिले में बहुत अच्छे रहे हैं लेकिन कुपोषण को दूर करने के लिए की जाने वाली मेहनत सतत है। इसमें किसी भी तरह से चूक हो जाने पर स्थिति पुन: खराब होने की आशंका होती है। इसलिए बच्चों की देखभाल में, माता-पिता की काउंसिंलिंग के संबंध में और गृह भेंट आदि कार्यो की सतत मानिटरिंग आवश्यक है। इस दौरान कलेक्टर ने आंगनबाड़ी में कार्यकर्ताओं से बच्चों की डाइट आदि के बारे में पूछा तथा यहाँ हो रही गतिविधियों की जानकारी भी ली। इस दौरान भिलाई नगर निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी भी मौजूद थे। सभी एसडीएम ने भी अपने क्षेत्रों में आंगनबाडिय़ों में वजन त्योहार का निरीक्षण किया।
इस बार मैसेज भी भेजा जा रहा
इस बार के वजन त्योहार की विशेषता यह है कि बच्चे का वजन तथा ऊंचाई लेते ही इसकी तथा बीएमआई इंडेक्स के बारे में जानकारी अभिभावकों को मैसेज में चली जाती है। साथ ही पोषण के स्तर के मुताबिक काउंसिलिंग शुरू कर दी जाती है। परियोजना अधिकारी श्रीमती पूजा अग्रवाल ने बताया कि अलग-अलग रंगों की रेखा के मुताबिक बच्चों के लिए डाइट प्लान अभिभावकों को बताया जाता है।
हर आंगनबाड़ी में मौजूद हैं बच्चों की आयु के हिसाब से वजन और ऊंचाई मापने वाले यंत्र
आंगनबाड़ी केंद्रों में इन्फैंटोमीटर, स्टीडियोमीटर, इलेक्ट्रानिक वजन मशीन, साल्टर स्केल आदि मौजूद हैं। किशोरी बालिकाओं के हीमोग्लोबीन की जाँच भी की जा रही है। लगभग डेढ़ लाख किशोरी बालिकाओं के हीमोग्लोबिन की जाँच की जाएगी।
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