–चालू वित्तीय वर्ष में योजना के अंतर्गत 950 हितग्राहियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य
-अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग को दो तिहाई का अनुदान
दक्षिणापथ,रायपुर। छत्तीसगढ़ में डेयरी व्यवसाय को प्रोत्साहित करने तथा स्व-रोजगार में वृद्धि के लिए पशुधन विकास विभाग द्वारा राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना का संचालन राज्य भर में किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत दो पशुओं की इकाई लागत 1 लाख 40 हजार रूपए की राशि पर सामान्य प्रवर्ग के हितग्राहियों को 50 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग के हितग्राहियों को 66.6 प्रतिशत की दर से अनुदान का प्रावधान है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस योजनांतर्गत 950 हितग्राहियों को लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। जिनमें से 200 हितग्राही अनुसूचित जनजाति वर्ग के तथा 168 हितग्राही अनुसूचित जाति वर्ग के रहेंगे। योजना के तहत वर्ष 2020-21 में राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना अंतर्गत 310 अनुसूचित जनजाति एवं 36 अनुसूचित जाति सहित 527 हितग्राहियों द्वारा डेयरी इकाई स्थापना पर उन्हें 15 करोड़ 17 लाख रूपए की राशि का अनुदान प्रदाय किया गया है।
संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं से प्राप्त जानकारी के अनुसार योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए हितग्राही छत्तीसगढ़ में कम से कम 5 वर्ष से निवास कर रहा हो। भूमिहीन, लघु एवं सीमांत कृषक, गरीबी रेखा के नीचे के परिवार, दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों, दुग्ध संकलन मार्ग पर स्थित ग्रामो गौठान योजना अंतर्गत चिन्हित ग्रामों के पशुपालकों, महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों एवं पूर्व से दुग्ध उत्पादन में संलग्न परिवार को योजनांतर्गत प्राथमिकता प्रदान की जाती है। हितग्राही डेयरी इकाई की स्थापना बैंक ऋण के माध्यम से (बैंक लिकेज) या स्वयं की पूंजी (स्व-वित्तीय) से कर सकता है। योजना से लाभ लेने के लिए इच्छुक हितग्राही निकटस्थ पशु चिकित्सा संस्था (पशु औषधालय, कृत्रिम गर्भधान उपकेंद्र, मुख्य ग्राम इकाई, पशु चिकित्सालय, कृत्रिम गर्भधान केंद्र, मुख्य ग्राम खण्ड) में निर्धारित प्रपत्र में आवेदन प्रस्तुत कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए पशु चिकित्सा कार्यालय अथवा संस्था में सम्पर्क किया जा सकता हैं।
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