दक्षिणापथ. हिन्दी सिनेमा के दिग्गज ऐक्टर्स में शुमार दिलीप कुमार (Dilip Kumar) का निधन हो गया है। बुधवार की सुबह दिलीप कुमार (Dilip Kumar died in Mumbai Hinduja Hospital) ने आखिरी सांस ली। दिलीप कुमार काफी वक्त से बीमार चल रहे थे। दिलीप कुमार का पूरा नाम मोहम्मद यूसुफ खान था। दिलीप कुमार ने साल 1944 में फिल्म ‘ज्वार भाटा’ से बॉलिवुड में डेब्यू किया था। लेकिन 1947 की फिल्म ‘जुगनू’ से उन्हें बॉलिवुड में खास पहचान मिली।
दिलीप कुमार बॉलिवुड के इकलौते ऐसे स्टार हैं, जिन्होंने सबसे अधिक बेस्ट ऐक्टर का फिल्मफेयर ऑवार्ड जीतने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। दिलीप कुमार ने 60 से अधिक फिल्मों में काम किया है। दिलीप कुमार अक्सर बॉलीवुड एक्ट्रेस मधुबाला के साथ रिलेशनशिप में रहने को लेकर सुर्खियों में रहते थे। लेकिन यह जोड़ी कभी शादी के बंधन में नहीं बंध पाई। दिलीप कुमार 1966 में ऐक्ट्रेस सायरा बानो से शादी की। दिलीप कुमार को हिंदी सिनेमा के ‘गोल्ड एज’ के आखिरी ऐक्टर के रूप में भी याद किया जाता है।
राज कपूर और दिलीप कुमार थे बचपन के दोस्त
दिलीप कुमार ने अपनी स्कूलिंग नासिक के देवलाली में बार्न्स स्कूल से की थी। जहां राज कपूर भी पढ़ते थे। राजकपूर और दिलीप कुमार बचपन के दोस्त थे। दोनों एक साथ ही बड़े हुए थे।
18 की उम्र में घर से भाग गए थे दिलीप कुमार
दिलीप कुमार को लेकर एक बेहद दिलचस्प घटना है। कहा जाता है कि दिलीप कुमार की किसी बात पर अपने पिता से बहस हो गई थी, जिसके बाद वह घर से भाग गए थे। उस वक्त दिलीप कुमार की उम्र सिर्फ 18 साल की थी। पुणे में जाकर उन्होंने एक पारसी कैफे के मालिक की मदद ली और फिर एक सैंडविच का स्टॉल लगाया। सैंडविच बेचकर वह उस वक्त 5हजार से अधिक रुपये जमा किए। उस वक्त 5 हजार काफी बड़ी रकम होती थी।
दिलीप कुमार ने स्क्रिप्ट राइटिंग का भी काम किया
साल 1942 में दिलीप कुमार ने ‘बॉम्बे टॉकीज़’ ज्वाइन किया। जहां वह 1250 रुपये की सैलरी पर स्क्रिप्ट राइटिंग का काम करते थे।
‘ट्रेजेडी किंग’ के नाम से मशहूर थे दिलीप कुमार
दिलीप कुमार को ‘ट्रेजेडी किंग’ भी कहा जाता था। कभी आपने सोचा है क्यों? दरअसल, 1950 के दशक में दिलीप कुमार ने ज्यादातर ऐसी फिल्में की थी। जो ज्यादातर डिप्रेशन और दुख से प्रभावित थी। जिसके कारण उनका नाम ही ‘ट्रेजेडी किंग’ पड़ गया।