-तीसरी लहर की आशंका के चलते तैयारियां, साथ ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य केंद्रों में अधोसंरचना की मजबूती पर काम शुरू
-हर सीएचसी में होंगे आईसीयू बेड, गंभीर मरीजों के इलाज की भी होगी पुख्ता व्यवस्था
-एम्स भेजे जा रहे स्वास्थ्य कर्मी, उद्देश्य सीखे कैसे आक्सीजन की मानिटरिंग पर रखें नजर
दक्षिणापथ, दुर्ग। कोविड की तीसरी लहर की आशंका की स्थिति में इससे निपटने युद्धस्तर पर तैयारी की जा रही है। आज कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने सभी जिला तथा ब्लाक लेवल के स्वास्थ्य अधिकारियों से कोविड की तीसरी वेव से निपटने के लिए की गई अब तक की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोविड की तीसरी लहर से निपटने एवं मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य केंद्रों में अधोसंरचना मजबूत करने की दिशा में निर्देश दिये गए हैं। आपने इनमें से कुछ होमवर्क कर चुके हैं कुछ पर काम किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि कोविड आपदा से निपटने के लिए दो तरीके की तैयारियां जरूरी हैं। एक साफ्ट स्किल की तैयारियाँ जैसे हमारी ट्रेनिंग, प्रोटोकाल वगैरह, दूसरी अधोसंरचना से संबंधित। इनके बेहतर समन्वय से ही कारगर रणनीति बनेगी।
हर पीएचसी से 2 स्टाफ भेजा जा रहा एम्स, 5 के बैच में हास्पिटल मैनेजमेंट की ट्रेनिंग सीसीएम में
पहले स्तर की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। इसमें जिला स्तर और विभागीय स्तर के समन्वय की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। अभी ब्लाक लेवल के कर्मचारियों की ट्रेनिंग चल रही है और यह आनलाइन तथा आफलाइन दोनों तरह से हो रही है। कलेक्टर ने कहा कि ट्रेनिंग का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा एक्जाम होता है कि आखिर सीखा क्या, तो ट्रेनिंग में सबकी उपस्थिति सुनिश्चित करें और आखिर में एक्जाम लें ताकि हम यह सुनिश्चित कर लें कि कोरोना मैनेजमेंट के लिए आपकी तैयारी पुख्ता है। अधिकारियों ने बताया कि पीएचसी लेवल में कोरोना मैनेजमेंट को लेकर सभी पीएचसी में 2 स्टाफ को ट्रेनिंग के लिए एम्स भेजा जा रहा है। यहाँ अन्य तरह के मैनेजमेंट के अलावा आक्सीजन का मैनेजमेंट भी देखेंगे, इसकी जरूरत की गणना किस तरह से करनी है। डाक्यूमेंटेशन कैसे करना है, इस तरह की सारी जरूरतों के बारे में बताया जा रहा है। 5 के बैच में स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण सीसीएम तथा जिला अस्पताल में दिया जा रहा है।
ऐसी होगी सीएचसी, पीएचसी, एसएचसी में तैयारी
कोविड प्रबंधन को लेकर सबसे बड़ा सेटअप सीसीएम में तैयार किया गया है लेकिन यहाँ तक पहुंचने से पहले मरीज की स्थिति गंभीर न हो जाए, इसके लिए सबसे नजदीक के अस्पतालों में भी इलाज की मुकम्मल व्यवस्था की गई है। मतलब सबसे छोटे स्वास्थ्य केंद्र उप-स्वास्थ्य केंद्र में भी एक आक्सीजन सिलेंडर होगा, दवाई होगी, एक बेड होगा। पीएचसी में 30 आक्सीजन सिलेंडर और कंसट्रेटर होंगे। प्राथमिक इलाज की सुविधा होगी। सीएचसी में 15 बेड होंगे, इनमें से 4 बेड आईसीयू के होंगे। सीएचसी में एचएफएनसी, बायपैप एवं सीपैप की व्यवस्था भी होगी।
आक्सीजन सप्लाई बाधित न हो, इसके लिए जनरेटर की व्यवस्था
कलेक्टर ने निर्देश दिये कि आक्सीजन सप्लाई अबाधित रहे। इसके लिए जनरेटर आदि की मुकम्मल व्यवस्था करें। कलेक्टर ने प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों में ब्लड स्टोरेज यूनिट की स्थापना के निर्देश भी दिये। साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के निर्देश भी दिये ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति निर्मित न हो।
35