दक्षिणापथ, रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अंबिकापुर और जशपुर में निःशुल्क डायलिसिस सुविधा का शुभारंभ किया। सरगुजा प्रवास पर पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री ने अंबिकापुर में खुद मौजूद रहकर और जशपुर में वर्चुअल कार्यक्रम से इन केंद्रों का उद्घाटन किया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय फ्री डायलिसिस कार्यक्रम के तहत ‘जीवन धारा’ नाम से यह सुविधा सभी के लिए शुरू की गई है। स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने दोनों जिला मुख्यालयों में डायलिसिस सुविधा का लोकार्पण करते हुए कहा कि किडनी रोगों से ग्रस्त मरीजों को लंबे समय तक बार-बार डायलिसिस कराना पड़ता है। इससे उन पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ता है। जशपुर और सरगुजा में डायलिसिस की सुविधा शुरू होने से किडनी रोगों से पीड़ितों को इसके लिए अब दूर नहीं जाना पड़ेगा। इससे मरीजों और उनके परिजनों के श्रम, धन और समय की बचत होगी।
डायलिसिस केंद्र के लोकार्पण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मण्डल के अध्यक्ष शफी अहमद, छत्तीसगढ़ वन औषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, अंबिकापुर नगर निगम के महापौर डॉ. अजय तिर्की, जिला पंचायत सदस्य एवं जिला रेड क्रास सोसायटी के अध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव, अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आर. मूर्ति, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह और सी.एम.एच.ओ. डॉ. पी.एस. सिसोदिया सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे। उद्घाटन के दिन ही आज तीन मरीजों का निःशुल्क डायलिसिस किया गया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदेश के छह जिलों दुर्ग, कांकेर, कोरबा, बिलासपुर, महासमुंद और बीजापुर में पहले से ही निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा शुरू की जा चुकी है। आज जशपुर और सरगुजा जिले में यह सुविधा शुरू होने से प्रदेश में निःशुल्क डायलिसिस केन्द्रों की संख्या आठ हो गई है। डायलिसिस के लिए जशपुर में पांच यूनिट और अंबिकापुर में तीन यूनिट की स्थापना की गई है। प्रदेश के छह पुराने डायलिसिस केंद्रों में फ्री डायलिसिस कार्यक्रम के तहत अब तक कुल दस हजार 666 सेशन किए जा चुके हैं। इनमें से दुर्ग जिले में 3205, कांकेर में 2276, कोरबा में 1066, बिलासपुर में 1440, महासमुंद में 1947 और बीजापुर में 732 सेशन किए गए हैं।